पटना : राजद प्रमुख लालू प्रसाद की हिम्मत को चैलेंज करने के बाद मंगलवार को उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने पलटवार किया. उन्होंने कहा कि मोदी जी की बातों पर हंसी आती है. हिम्मत की बात मोदी उस शख्स के लिए कर रहे हैं जिसने लगातार तीन दशक से भाजपा की नकारात्मक राजनीति के मंसूबों को रौंदा है. उन्होंने सवाल किया कि मोदी जरा उस सूरमा का नाम तो बताएं जिसने आडवाणी के सांप्रदायिक रथ का चक्का रोका था.
देश में किसके पास थी इतनी हिम्मत. उसी रथयात्रा के प्रबंधक नरेंद्र मोदी जब दो दशक बाद अपनी अपनी सारी ताकत झोंक कर बिहार जीतने आये तो किसने अपनी हिम्मत से उनके सारे सपनों को मसल दिया. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आपकी हिम्मत कहां गुम हो जाती है, जब आडवाणी खेमे के होने के बावजूद अपनी राजनीति बचाने के लिए खून का घूंट पीकर भी मोदी-शाह की चापलूसी का महल खड़ा करते नजर आते हैं. हिम्मतवाला तो वह होता है जो विषमताओं से लड़ते हुए सिद्धांतों के लिए खत्म हो जाता है.
सूखी रोटी खा लेता है, पर चापलूसी का बीन नहीं बजाता. हिम्मत क्या होता है यह आप क्या जानें. जब नरेंद्र मोदी के सम्मान में आयोजित भोज को रद्द किया गया तो आपकी हिम्मत कहां विचरण कर रही थी. हिम्मत थी तो उस समय तोड़ देते गठबंधन. अगर हिम्मत थी तो आपके सांसद और अन्य नेताओं के पैसे लेकर टिकट बांटने के आरोप पर पार्टी से इस्तीफा क्यों नहीं दिया.
