पटना : मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट के आरक्षण नियमों में इस साल से बड़ा बदलाव किया गया है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बने नये नियम के अनुसार ऑल इंडिया कोटे में सामान्य वर्ग के लिए नयी अनारक्षित केटेगरी बनायी गयी है. इस श्रेणी में सामान्य वर्ग के साथ ओबीसी, क्रीमीलेयर वाले अभ्यर्थी शामिल नहीं होंगे.
सीबीएसइ नीट इंफॉर्मेशन बुलेटिन में काउंसेलिंग के दौरान ऐसे अभ्यर्थियों को अपनी श्रेणी यूआर दर्शाने के निर्देश दिये हैं. इसके अनुसार अच्छे अंक पाने वाले आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी सामान्य मेरिट में जगह नहीं बना पायेंगे. इससे कम अंक वाले सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को अप्रत्यक्ष रूप से लाभ मिलेगा. इस बार इसी आधार पर रिजर्व्ड केटेगरी व अनरिजर्व्ड केटेगरी की अलग-अलग काउंसेलिंग होगी.
सुप्रीम कोर्ट ने अलग करने का दिया था निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल 2017 में एक अहम फैसले में कहा था कि आरक्षित वर्ग के उम्मीदवार को आरक्षित वर्ग में ही नौकरी मिलेगी. चाहे उसने सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों से ज्यादा अंक क्यों न हासिल किये हाें.
आरक्षण नियम में बदलाव के बाद अब अलग-अलग मेरिट लिस्ट निकालेगा सीबीएसइ
आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थी को ज्यादा अंक पाने पर भी सामान्य कोटे में दाखिला नहीं : नयी व्यवस्था के तहत आरक्षित श्रेणी को अलग रखा गया है. अगर अभ्यर्थी को मेरिट सूची में ज्यादा अंक आते भी हैं तो उन्हें अपने श्रेणी में ही उसका फायदा होगा. 2016 तक ओबीसी उम्मीदवार का अंक सामान्य वाले के बराबर होने पर उसे ओबीसी कोटे की जगह सामान्य केटेगरी में दाखिला ले लेता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा.
अलग लिस्ट में ही जगह मिलेगी: बेहतर रैंक लाने वाले आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी सामान्य मेरिट में जगह नहीं बन पायेंगे. उन्हें उनकी कैटेगरी के अनुसार तैयार अलग मेरिट में ही जगह मिलेगी. इससे सामान्य जाति के ऐसे अभ्यर्थी जो अच्छा प्रदर्शन न करने के कारण कुल मेरिट में काफी पीछे हो जाते हैं, उन्हें नयी अनरिज्वर्ड कैटेगरी में ही जगह मिलने के कारण ठीक वैसा ही लाभ मिलेगा, जैसा पहले आरक्षित श्रेणियों को मिलता था.
स्कोर कार्ड पर दर्ज होगी रैंक और केटेगरी
2016 तक सामान्य या ओबीसी उम्मीदवारों के स्कोर कार्ड पर सिर्फ ऑल इंडिया रैंक के बारे में जानकारी होती थी, लेकिन इस साल से ओबीसी उम्मीदवारों के स्कोर कार्ड पर भी रैंक के साथ उनके अनारक्षित या आरक्षित कोटे की भी जानकारी होगी.
मेरिट सूची में यह बदलाव बहुत ही जरूरी थी. यह फैसला भी बहुत सराहनीय है. हर केटेगरी को अपना आरक्षण का फायदा होगा. इससे किसी का नुकसान नहीं होगा.
विपिन कुमार, डायरेक्टर, गोल इंस्टीच्यूट
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इसे लागू किया गया है. इस बार मेरिट लिस्ट से आरक्षित और अनारक्षित केटेगरी को अलग-अलग रखा जायेगा. इससे सीटें खाली नहीं रहेगी.
संयम भारद्वाज, ओएसडी, नीट
