NDA Manifesto: एनडीए ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए जारी अपने संकल्प पत्र (NDA Manifesto) में किसानों को सशक्त बनाने पर खास जोर दिया है. घोषणापत्र में खेती को लाभकारी और आधुनिक बनाने के लिए कई बड़े वादे किए गए हैं. किसानों की आमदनी बढ़ाने से लेकर फसलों के सही दाम की गारंटी तक, एनडीए ने कृषि को बिहार की अर्थव्यवस्था की रीढ़ के रूप में सशक्त करने का संकल्प लिया है. इसमें किसान सम्मान निधि की राशि बढ़ाने, एग्री-इंफ्रास्ट्रक्चर में भारी निवेश, सभी फसलों पर एमएसपी की गारंटी, मत्स्य और दुग्ध मिशन के विस्तार जैसे कदम शामिल हैं. अब आसान भाषा में समझिए कि अगर एनडीए की सरकार फिर से बनती है तो अगले 5 सालों में वे किसानों के लिए क्या करेंगे?

1. किसान सम्मान निधि ₹6,000 से बढ़ाकर ₹9,000 प्रति वर्ष
केंद्र सरकार की किसान सम्मान निधि योजना के तहत अभी किसानों को सालाना 6,000 की सहायता दी जाती है. एनडीए ने वादा किया है कि बिहार के किसानों को इसका लाभ बढ़ाकर 9,000 सालाना दिया जाएगा ताकि उनकी आमदनी और क्रय शक्ति में वृद्धि हो.
2. सभी फसलों के लिए MSP की गारंटी
किसानों की सबसे बड़ी मांग, न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर पूरी सुरक्षा को लेकर वादा किया गया है कि राज्य की सभी प्रमुख फसलों (धान, गेहूं, दलहन आदि) की MSP पर अनिवार्य खरीद सुनिश्चित की जाएगी ताकि किसान को फसल का सही दाम मिले.
3. एग्री-इंफ्रास्ट्रक्चर में ₹1 लाख करोड़ का निवेश
कृषि क्षेत्र को आधुनिक और टिकाऊ बनाने के लिए 1 लाख करोड़ का निवेश किया जाएगा. इसमें कोल्ड स्टोरेज, वेयरहाउस, सिंचाई नेटवर्क, फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स और कृषि मार्केट सुधार शामिल हैं. इससे कृषि उत्पादों की बर्बादी कम होगी और किसानों की आमदनी बढ़ेगी.
4. मत्स्य पालकों को ₹4,500 से बढ़ाकर ₹9,000 की सहायता राशि
मछली पालन करने वाले किसानों को अब 9,000 वार्षिक सहायता दी जाएगी (पहले ₹4,500 थी). यह सहायता मत्स्य पालन के उपकरण, आहार, तालाब रखरखाव और उत्पादन बढ़ाने में मदद करेगी.
5. एग्रीकल्चर प्रोसेसिंग और मार्केटिंग को बढ़ावा
एनडीए ने वादा किया है कि किसानों की उपज का अधिकतम मूल्य सुनिश्चित करने के लिए फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स और एग्री-बेस्ड इंडस्ट्रीज को बढ़ावा दिया जाएगा. इससे किसानों को सीधे बाजार और निर्यात नेटवर्क तक पहुंच मिलेगी.
6. कृषि आधारित उद्योग और फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स
राज्यभर में फूड पार्क्स, दुग्ध मिशन और मत्स्य मिशन के जरिए छोटे किसानों और महिला समूहों को रोजगार और आत्मनिर्भरता से जोड़ा जाएगा. कृषि को उद्योग से जोड़ने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी.
7. नहर, सिंचाई और बाढ़ प्रबंधन
बाढ़ और सूखे से निपटने के लिए “फ्लड टू फॉर्च्यून मॉडल” लाया जाएगा.
इसमें नदियों को जोड़ने, तटबंध और नहरों के निर्माण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा ताकि सिंचाई सुविधा बेहतर हो और फसलों को प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा मिले.
8. मत्स्य मिशन और दुग्ध मिशन
“बिहार मत्स्य मिशन” और “बिहार दुग्ध मिशन” के ज़रिए मछली व दूध उत्पादन को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है. हर प्रखंड में कलेक्शन और प्रोसेसिंग सेंटर बनाए जाएंगे ताकि ग्रामीण स्तर पर उत्पादकों को सीधा लाभ मिले.
9. आधुनिक तकनीक और प्रशिक्षण
किसानों को आधुनिक कृषि तकनीक, ड्रोन स्प्रे, जैविक खेती, और स्मार्ट एग्रीकल्चर ट्रेनिंग प्रदान की जाएगी. इसके लिए हर जिले में मेगा स्किल सेंटर और एग्री ट्रेनिंग हब स्थापित किए जाएंगे.

