नवादा कार्यालय. बिहार विशेष कार्य बल के सहयोग से नवादा पुलिस ने बड़ी सफलता अर्जित करते हुए वर्षों से फरार चल रहे एक हार्डकोर नक्सली को गिरफ्तार करने में सफल रही. प्राप्त जानकारी अनुसार, नवादा पुलिस और एसटीएफ को जहानाबाद जिले के धुरिया गांव में हार्डकोर कोर नक्सली लालबाबू यादव के छिपे होने की गुप्त सूचना मिली थी. इसके बाद बिहार एसटीएफ के नेतृत्व में जिला आसूचना इकाई नवादा और सिरदला थानाध्यक्ष मोहन कुमार के साथ संयुक्त अभियान चला कर छिपे हार्डकोर नक्सली लालबाबू यादव को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के बाद नक्सली को गया जिला स्थित एसटीएफ शिविर में पुलिस पुक्षताक्ष करने के बाद सिरदला थानाध्यक्ष मोहन कुमार को सौंप दिया. जहां से सोमवार की देर रात सिरदला पुलिस को सौंप दिया गया. आपकों बता दें की गिरफ्तार नक्सली लालबाबू यादव के खिलाफ नवादा जिले के आलावा भी कई थानों मे दर्ज प्राथमिकी का नामजद रहा है. पुलिस सूत्रों की माने तो फिलहाल लालबाबू यादव की गिरफ्तारी सिरदला थाना कांड संख्या 264/16 में की गयी है. जहां तिलैया-कोडरमा रेलखंड पर निर्माणधीन खरौंध रेलवे स्टेशन के बेस कैंप पर 03 नवंबर 2016 को लेवी की मांग पूरी नहीं करने पर भाकपा माओवादी संगठन के नक्सलियों ने हमला कर गोलीबारी करते हुए ठेकेदारों और मजदूरों के साथ मारपीट कर कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया था. इसके बाद पुलिस द्वारा 63 माओवादियों को नामजद करते हुए सिरदला थाना मे प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. आपकों बता दें की गिरफ्तार नक्सली लालबाबू यादव जहानाबाद जिले के धुरिया गांव निवासी यमुना यादव का पुत्र है. जो नक्सली कांड दर्ज होने के बाद से फरार चल रहा था. जिसे गुप्त सूचना के आधार पर धुरिया गांव से ही एसटीएफ के सहयोग से सिरदला पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. आपकों बता दें की पिछले सप्ताह में भी सिरदला पुलिस ने एसटीएफ के सहयोग से दो हार्डकोर नक्सली इंद्रजीत महतो ऊर्फ पंकज ऊर्फ पप्पू व संतोष चौधरी को अरवल जिले के परासी थाना क्षेत्र में छिप कर मजदूरी करते हुए गिरफ्तार करने में सफल रही थी. पुलिस सुरक्षा में पुनः निर्माण कार्य हुआ संपन्न माओवादी हमले के बाद दहशत मे रहे ठेकेदारों और मजदूर निर्माण स्थल को अधूरा छोड़ कर पलायन कर गये थे. घटना के बाद मगध डीआईजी और नवादा के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक विकास वर्मन ने घटना स्थल का दौरा करते हुए निर्माण एजेंसी के संवेदकों को पूर्ण सुरक्षा का आश्वाशन देते हुए दोबारा से निर्माण कार्य को शुरू करवाया था. जिसके बाद निर्माण स्थल पर एंटी लैंडमाइंस गाड़ी के साथ सैप जवानों की टुकड़ी को तैनात कर खरौंध स्टेशन और रेलवे ट्रैक के लिए बड़े बड़े पुल का निर्माण कार्य पूर्ण हो सका.
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