नवादा कार्यालय. इन दिनों पुलिस पदाधिकारियों पर दर्ज मामले और साक्ष्य उपलब्ध कराने में लगातार लापरवाही का आरोप लग रहे हैं. इसको लेकर दंडाधिकारियों को कड़े एक्शन लेने पड़ रहे हैं. जानकारी के अनुसार, कौआकोल थानाध्यक्ष दीपक कुमार पर उदासीन कार्यप्रणाली एवं अदालत की अवहेलना के मामले में उनके वेतन से चार हजार रुपये की कटौती करने का आदेश किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी आशीष रंजन ने जारी किया है. कटौती की जाने वाली राशि वाद स्थगन खर्च के रूप में की गयी. आदेश का अनुपालन कराये जाने की जिम्मेदारी पुलिस अधीक्षक को सौंपी गयी है. आदेश की प्रति कोषागार पदाधिकारी, नवादा एवं नोडल बाल कल्याण पदाधिकारी सह पुलिस उपाधीक्षक मुख्यालय को भेजी गयी. परिषद द्वारा जारी आदेश के अनुसार हत्या से जुड़े कौआकोल थाना कांड संख्या-456/24 में 25 दिसंबर 2024 से अभिरक्षा में रहे किशोर के जमानत आवेदन की सुनवाई की जा रही है. परिषद द्वारा उक्त किशोर की सामाजिक पृष्ठभूमि एवं अंतिम प्रपत्र की मांग लगातार की जा रही है. इस संबंध में पत्रांक 644 13 जनवरी 2025 के द्वारा लिखित रूप से मांग की गयी. किंतु थानाध्यक्ष के द्वारा वांछित प्रतिवेदन एवं अंतिम प्रपत्र समर्पित नहीं किये जाने के कारण अभिरक्षा में रहे किशोर की जमानत आवेदन पर पिछले चार तिथियों से सुनवाई विचाराधीन है. आदेश में यह भी उल्लेखित है कि कौआकोल थाना कांड संख्या-15/24, 117/24, 650/22, 129/21, 321/20 एवं 239/18 में विधिं विरुद्ध किशोरों के उपास्थापन के लिए जनवरी 25 में पत्र निर्गत किया गया था. कौआकोल थाना कांड संख्या-650/22, 288/24 एवं 685/24 में अंतिम प्रपत्र की मांग की गयी. किंतु अंतिम प्रपत्र नही दाखिल किया गया. फलस्वरूप मामला लंबित चला आ रहा है. इसके कारण किशोर की देखरेख, संरक्षण विकास, उपचार एवं उनकी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति एवं सर्वोत्तम हित के संदर्भ में किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने में विलंब हो रहा है. परिषद ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 346 में दी गयी शक्ति एवं उच्च न्यायालय पटना द्वारा जारी निर्देश के आलोक में थानाध्यक्ष सह अनुसंधानकर्ता दीपक कुमार पर विधिक कर्तव्य का समय अंतर्गत पालन नही करने और अदालत के आदेश की अवहेलना करने के मामले में उनके वेतन से चार हजार रुपये की कटौती कर बिहार किशोर न्याय निधि के बैंक खाते में जमा करने का आदेश जारी किया गया है. अनुपालन कर परिषद को अवगत करने का निर्देश दिया गया है. गौरतलब है कि पुलिस की लापरवाही को देखते हुए व्यवहार न्यायालय ने रजौली और अकबरपुर थाने के पुलिस पदाधिकारी पर पहले भी कड़े एक्शन लेने का आदेश दिया है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है