नवादा नगर. जिले में इन दिनों जारी भीषण गर्मी और हीट वेव के कारण बड़ी संख्या में नवजात बच्चे बीमार हो रहे हैं. भीषण गर्मी, हीट वेव और लू के कारण नवजात बच्चों में हाई फीवर, डिहाइड्रेशन, बेचैनी और दस्त जैसी शिकायतें मिल रही हैं. सदर अस्पताल परिसर में स्थित एसएनसीयू में प्रतिदिन कम से कम 20 नवजात इलाज के लिए आ रहे हैं. जिले के विभिन्न प्रखंडों के अस्पतालों और शहर के प्राइवेट क्लिनिक में भी बड़ी संख्या में ऐसे नवजात बच्चों का इलाज किया जा रहा है. एसएनसीयू में नवजात बच्चों के इलाज के लिए मात्र 17 बेड उपलब्ध हैं, जो पहले से ही फुल चल रहे हैं. ऐसे में भीषण गर्मी के कारण हीट वेव के शिकार होकर आने वाले बच्चों के इलाज के लिए बेड नहीं मिल पा रहे हैं. क्या कहते हैं चिकित्सक: एसएनसीयू के डॉ राकेश कुमार बताते हैं कि कभी-कभी नवजात की संख्या बढ़ जाती है. उस दौरान अलग से उनका इलाज किया जाता है. लोगों को भी इस मौसम में नवजात बच्चों को विशेष देखभाल की जरूरत है. उन्होंने बताया कि नवजात बच्चों को घर के वैसे कमरों में रखें जहां धूप और गर्मी नहीं पहुंचती हो या इसका असर बहुत कम हो. एसी में नवजात को रखें, जिसका तापमान लगभग 28 डिग्री हो सकता है. उन्होंने कहा कि नवजात बच्चों को कभी भूखा या खाली पेट नहीं रखें. बच्चों के भूखा रहने या खाली पेट रहने पर गर्मी और लू का असर जल्द होता है. उन्हें नियमित अंतराल पर और भूख लगने पर मां का दूध पिलाते रहें. जिन बच्चों को मां का दूध किसी कारण से नहीं मिल पा रहा है, वैसे नवजात बच्चों डब्बे का दूध पिलाने में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. 17 बेड एसी युक्त : सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ प्रभाकर सिंह ने बताया कि फिलहाल नवजातों के लिए 17 बेड एसी युक्त है. उन्होंने कहा कि यदि हमको रिपोर्ट कर दें, तो इस बात को सिविल सर्जन से अवगत करा कर इस समस्या का समाधान निकाला जा सकता है. हालांकि, भीषण गर्मी और हीट वेव के कारण नवजात बच्चों की सेहत पर पड़ने वाले प्रभाव को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने विशेष इंतजाम किया हैं. एसएनसीयू में नवजात बच्चों के इलाज के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम तैनात की गयी है. स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे नवजात बच्चों की विशेष देखभाल करें और उन्हें गर्मी और लू से बचाएं. उन्होंने बताया कि नवजात बच्चों को गर्मी और लू से बचाने के लिए विशेष उपाय करने होंगे.
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