सीतामढ़ी मेले में पांचवें दिन भी उमड़ी भारी भीड़
प्रतिनिधि, मेसकौरअगहन पूर्णिमा से शुरू हुआ सीतामढ़ी मेला पांचवें दिन भी पूरे शबाब पर रहा. मेले में लगे झूले और अजमेरी नाव दिनभर से लेकर देर शाम तक चलते रहे, जिनका आनंद बच्चे और युवा जमकर उठा रहे हैं. शाम के समय झूलों पर रंग–बिरंगी लाइटें जगमगाती रहती हैं, जिससे मेले की रौनक बढ़ जाती है. झूला झूलने और मनोरंजन का मजा लेने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है.सोमवार को भी मेले में खरीददारों की लंबी कतारें देखने को मिलीं. जिला एवं स्थानीय प्रशासन के साथ थाना पुलिस मेले को व्यवस्थित और सुरक्षित तरीके से संचालित करने में जुटी है. मेले में दिन से लेकर देर शाम तक महिलाओं, पुरुषों और बच्चों की भीड़ दुकानों पर उमड़ती रही.बच्चों ने जहां खिलौने और खेल संबंधी सामान खरीदे, वहीं महिलाओं ने श्रृंगार का सामान और घरेलू उपयोग की वस्तुएं खरीदीं. बच्चे आइसक्रीम का मजा लेते दिखे और बंदूक से गुब्बारा फोड़ने वाले खेल में भी उनकी खास रुचि देखी गयी.
एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड और पीने के पानी जैसी सुविधाएं हैं उपलब्ध
मेला ठेकेदार ने पवन कुनार ने बताया कि इस बार मेले की व्यवस्था काफी संतोषजनक है. जिला और स्थानीय प्रशासन के साथ पुलिस का भी पूरा सहयोग मिल रहा है. मेला संवेदक ने क्षेत्रवासियों से अपील की कि यह मेला सभी का है, इसलिए पूरे परिवार के साथ पहुंचे और मेले की शोभा बढ़ाएं. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार से दर्जा मिलने के बाद यह पहला मेला है, जिसमें मीना बाजार में दूर-दूर से दुकानदार आए हैं. मेले में रासलीला, मशहूर नौटंकी, खेल-तमाशा, आकर्षक झूले, अजमेरी नाव, ब्रेकडांस, ट्रेन सहित बच्चों के लिए कई मनोरंजक खेल लगाये गये हैं. रोशनी की व्यवस्था भी बेहतर की गयी है. साथ ही एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड और पीने के पानी जैसी सुविधाएं उपलब्ध करायी गयी हैं. मेला संचालक उपेंद्र राजवंशी ने लोगों से आग्रह किया कि वे परिवार सहित मेले में आएं और खरीदारी करें. उन्होंने बताया कि कम कीमत पर बेहतर सामान बेचने के लिए दूर-दूर से व्यापारी पहुंचे हैं. गया से आए झूला इंचार्ज प्रमोद कुमार और टीपू सिंह ने कहा कि इस बार मेले में सभी प्रकार के झूले लगाये गये हैं. उन्होंने लोगों से अपील की कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में मेले में पहुंचें और मनोरंजन का आनंद लें.
मेले में दैनिक जरूरत की सारी चीजें हैं उपलब्ध
सीतामढ़ी निवासी मुन्ना राजवंशी ने बताया कि मेला घर के पास ही लगता है और हर वर्ष अगहन पूर्णिमा के मौके पर आयोजित किया जाता है. उन्होंने कहा कि वे अपनी पत्नी और बच्चों के साथ मेले का आनंद लेने आये हैं. यहां जरूरत का सामान सही दाम पर मिल जाता है और झूले व खाने-पीने की भी अच्छी व्यवस्था है. उन्होंने कहा कि इस बार मेला काफी अच्छा लगा है और दैनिक जरूरत की सारी चीजें उपलब्ध हैं.
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