जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन प्रतिनिधि, नवादा नगर नालसा एवं बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार पटना के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में रविवार को कौआकोल प्रखंड के पांडेयगंगौट ग्राम पंचायत स्थित सामुदायिक भवन में विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष आशुतोष कुमार झा एवं सचिव धीरेंद्र कुमार पांडेय के मार्गदर्शन में हुई. मुख्य वक्ता उमेश्वर प्रसाद सिंह, डिप्टी लीगल एड डिफेंस काउंसिल ने बताया कि पूर्व गर्भधारण एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम, 1994 का उद्देश्य भ्रूण लिंग परीक्षण पर पूर्ण प्रतिबंध लगाकर कन्या भ्रूण हत्या रोकना है. इसकी अवहेलना करने पर दोषियों को तीन वर्ष की सजा एवं जुर्माना हो सकता है. सभी अल्ट्रासाउंड केंद्रों का पंजीकरण अनिवार्य है. उन्होंने दहेज निषेध अधिनियम, 1961 की जानकारी देते हुए बताया कि दहेज लेना, देना या मांगना अपराध है, जिसके लिए पांच वर्ष तक की सजा एवं जुर्माना का प्रावधान है. इसके अतिरिक्त उन्होंने महिलाओं के हित में बने अन्य महत्वपूर्ण कानून जैसे घरेलू हिंसा से संरक्षण अधिनियम, 2005, कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न निवारण अधिनियम, 2013, बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006, भारतीय दंड संहिता की धारा 354 एवं 376, मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961, तथा उत्तराधिकार संबंधी कानूनों के बारे में विस्तार से बताया. कार्यक्रम में महिला अधिकारों की सुरक्षा, लैंगिक समानता और सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन पर जोर दिया गया. मौके पर प्रखंड के पदाधिकारी, कर्मचारी, गणमान्य नागरिक, पारा विधिक स्वयं सेवक रामानुज कुमार सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे.
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