बीएसएससी पेपर लीक. एसआइटी की जांच िरपोर्ट के बाद मुख्यमंत्री ने िकया एलान
पटना/नवादा : बिहार कर्मचारी चयन आयोग (बीएसएससी) की दो चरणों की हुई परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने की पुष्टि होने के तत्काल बाद राज्य सरकार ने सभी चार चरणों की परीक्षा को रद्द कर दिया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार की शाम कैबिनेट की बैठक के बाद सरकार के इस फैसले की जानकारी मीडिया को दी. इधर एसआइटी ने बीएसएससी के सचिव परमेश्वर राम को बुधवार की शाम गिरफ्तार कर लिया. एसआइटी ने पहले 24 घंटे हिरासत में रख कर उनसे पूछताछ की और फिर उन्हें गिरफ्तार किया.
इसके अलावा बीएसएससी के एक डाटा ऑपरेटर अविनाश कुमार को भी गिरफ्तार किया गया है. दोनों से पूछताछ जारी है. वहीं, पटना के कंकड़बाग के कांटी फैक्टरी रोड से उठाये गये अभिषेक समेत नौ लोग हिरासत में रखे गये हैं. इनमें आयाेग के लोग भी शामिल हैं. मामले की जांच कर रही एसआइटी का दावा है कि आयोग
सभी चरणों की परीक्षा रद्द…
के कार्यालय और सचिव के घर से पर्याप्त सबूत मिले हैं, जिसके आधार पर गिरफ्तारी हुई है. उधर, इस मामले में नवादा जिले से भी दो युवकों को पुलिस ने उठाया है.
एसआइटी ने दो चरणों की परीक्षा रद्द करने की सिफारिश की थी
इसके पहले एसआइटी ने अपनी जांच में पेपर लीक को सही पाया और दोनों चरणों की हुई परीक्षा को रद्द करने की सिफारिश की. एसआइटी की जांच रिपाेर्ट के बाद मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में सचिवालय स्थित सीएम कक्ष में उच्चस्तरीय बैठक हुई. बैठक में मुख्यमंत्री के अलावा मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, डीजीपी पीके ठाकुर और सरकार के अन्य आला अधिकारी उपस्थित थे. करीब घंटे भर की बैठक में सरकार के स्तर पर आयोग की इंटर स्तरीय पदों के लिए सभी चरणों की परीक्षा को रद्द करने का फैसला लिया गया. इनमें दो चरणों की परीक्षा 29 जनवरी और पांच फरवरी को आयोजित हो चुकी है. जबकि, 19 और 26 फरवरी को दो अन्य चरणों की परीक्षा निर्धारित थी. इसे भी रद्द कर दिया गया है.
बड़े रैकेट का होगा खुलासा
एसआइटी ने जिस तरह से सचिव को शिकंजे में लिया है और सबूत हाथ लगे हैं उससे साफ है कि सेटिंगबाजों का बड़ा रैकेट पकड़ा जायेगा. यह कार्रवाई पटना के अलावा सारण, नवादा समेत अन्य जिलों में चल रही है. यह मामला बिहार बोर्ड के टॉपर घोटाला से बड़ा साबित होने वाला है. एसआइटी ने छापेमारी तेज कर दी है.
मंगलवार की दोपहर से ही बनने लगी थी गिरफ्तारी की पृष्टभूमि
मंगलवार की दोपहर से ही पेपर लीक मामले में सचिव की गिरफ्तारी की पृष्ठभूमि तैयार होने लगी थी. कार्रवाई के लिए सबसे पहले एसआइटी आयोग पहुंची. इसके बाद यहां के अध्यक्ष व सचिव से लंबी पूछताछ की. यहीं से पुलिस को कुछ सबूत मिले, इसके बाद शाम को सचिव के घर पुलिस ने छापेमारी की. यहां तीन घंटे तक घर का कोना-कोना खंगाला गया. यहां से पुलिस को खास दस्तावेज हाथ लगे. वहीं, सचिव के मोबाइल फोन से भी कुछ सबूत हाथ लगे, जो पेपर लीक प्रकरण से जुड़ रहे थे. इसके बाद एसआइटी रात में आयोग पहुंची. वहां पर सभी आॅपरेटरों को बुलाया गया. वहां पर उनकी हाजिरी लगायी गयी. और पूछताछ में कुछ और राज उजागर होते ही सचिव को हिरासत में ले लिया गया.
पूसा यूनिवर्सिटी के गेस्ट हाउस में दिन भर पूछताछ, शाम को गिरफ्तार
एसआइटी ने सचिव परमेश्वर राम को उनके घर से उठाया था. इसके बाद उन्हें वेटनरी कॉलेज के पास पूसा यूनिवर्सिटी के गेस्ट हाउस के कक्ष संख्या पांच में रखा. बुधवार को पूरे दिन उनसे पूछताछ हुई. इसके बाद शाम को आइजी ने एसआइटी की टीम के साथ बैठक की और शाम छह बजे उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
नवादा से भी दो गिरफ्तार
उधर इस मामले में एसआइटी ने मंगलवार की रात को नवादा जिले से दो युवकों को गिरफ्तार किया. इनमें कौआकोल प्रखंड के भलुआही गांव निवासी उपेंद्र यादव का पुत्र अरविंद कुमार और हिसुआ के अरियन गांव निवासी त्रिलोकी सिंह का बेटा शिवशंकर है. शिवशंकर को हिसुआ थानाध्यक्ष संजय कुमार, एसआइ पवन कुमार व दिलीप सिंह सहित अन्य पुलिसकर्मियों और अरविंद को एसआइटी ने पकड़ा.
उक्त परीक्षा में शामिल शिवशंकर ने बताया कि मेरे मोबाइल फोन पर प्रश्नपत्र के लिए संपर्क किया गया था, लेकिन मेरे पास कोई उत्तर नहीं आया. उसे प्रमाणपत्र व मोबाइल के कॉल डिटेल्स के आधार पर गिरफ्तार किया गया है. थानाध्यक्ष ने बताया कि शिवशंकर से पूछताछ की जा रही है. उसे नवादा ले जाकर भी पूछताछ की जायेगी. बताया जा रहा है कि वारिसलीगंज के स्कूल व कोचिंग संचालक गौरीशंकर से जुड़े मामले में उसे गिरफ्तार किया गया है. उसकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस हिसुआ की अन्य जगहों पर भी दबिश दे रही है. मोबाइल दुकानों में भी जांच की जा रही है. उधर, मंगलवार की ही रात पटना से आयी एसआइटी ने कौआकोल थाने के भलुआही गांव से अरविंद कुमार को गिरफ्तार किया. थानाध्यक्ष मनोज कुमार ने बताया कि वारिसलीगंज में गिरफ्तार 28 सेटरों के साथ अरविंद की सांठगांठ के सबूत मिले हैं, इसी के आधार पर उसे पकड़ा गया है.
गौरतलब है कि बीएसएससी ने 2014 में इंटर स्तरीय 20 हजार पदों के लिए विज्ञापन जारी किया था. इसके लिए 18 लाख आवेदकों के लिए आयोग ने पांच चरणों में परीक्षा आयोजित की.
ओहदेदार ही निकला असली ¹‘गुरू’, फंदा
कसने के साथ बेनकाब होगा पूरा रैकेट
विजय सिंह 4 पटना
बीएसएससी पेपर लीक मामले में पटना पुलिस जिन ‘गुरूओं’ की बात कर रही थी, वे ‘गुरू’ नहीं, गुर्गे थे. असली ‘गुरू’ तो ओहदेदार ही था. एसआइटी ने आयोग के सचिव परमेश्वर राम को िगरफ्तार कर ‘प्रभात खबर’ की खबर पर मुहर लगा दी है. जांच के दौरान पुलिस के हाथ ऐसे दस्तावेज लगे हैं, जो सेटिंग की हर गांठ को खोल देंगे. आयोग से उठाये गये कुछ कर्मचारियों के बयान व सचिव के घर से मिले सबूत अब इस अनुसंधान की दिशा तय करेंगे. जैसे-जैसे जांच का दायरा बढ़ेगा, सेटिंग की पोल भी खुलती जायेगी. दरअसल सेना बहाली और बीएसएससी की परीक्षा में सेटिंग करनेवाले गैंग के पांच सदस्यों के पकड़े जाने के बाद पुलिस बाहरी तत्वों को पकड़ने में जुटी थी. लेकिन, पुलिस को इसका अंदाजा
ओहदेदार ही निकला असली…
नहीं था कि आयोग में बैठा ओहदेदार ही इस खेल में मिला हुआ है. लेकिन, प्रभात खबर ने जब इसका खुलासा किया, तो पटना पुलिस के आला अधिकारियों ने पहले इस खेल में किसी सरकारी कर्मचारी के होने की बात पर संदेह खड़ा किया. लेकिन, जब सरकार ने इस मामले का संज्ञान लिया और एसआइटी गठित कर पड़ताल शुरू गयी, तो सच्चाई सामने आने लगी. सात फरवरी को एसआइटी को कुछ ठोस सुराग हाथ लगे और शाम तक सचिव के घर छापेमारी हो गयी. 24 घंटे तक सचिव को हिरासत में रखा गया. उससे पूसा यूनिवर्सिटी के गेस्ट हाउस के कमरा नंबर पांच में रख कर पूछताछ की गयी. इसके बाद देर शाम सचिव को गिरफ्तार कर लिया.
डायरी से मिले मोबाइल नंबर सर्विलांस पर
पुलिस ने दूसरे चरण की परीक्षा से पहले भूतनाथ रोड से तीन सेटिंगबाजों को गिरफ्तार किया था. इस दौरान पुलिस को एक डायरी मिली थी, जो पवन की थी. इसमें कई मोबाइल नंबर और रुपये के लेन-देन का ब्योरा था. इसके अलावा अन्य छापेमारी में जो भी कुछ बड़े चेहरों के नाम और मोबाइल नंबर पुलिस के हाथ लगे हैं, अब पुलिस उन पर निगाह गड़ाये हुई है. इन नंबरों को सर्विलांस पर रख कर चेक किया जा रहा है.
सचिव के ड्राइवर और ऑपरेटर खोलेंगे राज
एसआइटी ने आयोग के सचिव परमेश्वर राम के ड्राइवर से भी पूछताछ की है. यहां से कुछ खास सुराग हाथ लगे हैं. सचिव से घर व आॅफिस में कौन मिलने आते थे, कौन हैं बाहरी प्रभावशाली, जो सचिव के सबसे करीबी हैं. आयोग में कौन-कौन सचिव के खास हैं, इन सबके बारे में एसआइटी ने ड्राइवर से जानकारी ली है. आयोग के ऑपरेटर अविनाश व अन्य डेटा ऑपरेटरों से भी पूछताछ हुई है. एसआइटी अब इनपुट के आधार पर आगे बढ़ रही हैं. वहीं, सचिव सवालों में भी उलझ गये हैं. पहले उन्होंने बताया कि मेरे पास एंड्रायड फोन नहीं है, पर छापे में तीन मोबाइल फोन मिले, कुछ एसएमएस व वाट्सएप पर चैटिंग भी संदिग्ध हैं.
अध्यक्ष का दावा
सेंटर से लीक हुआ है पेपर
पटना. बीएसएससी के अध्यक्ष सुधीर कुमार ने स्पष्ट किया है कि सेंटर पर चूक हुई है. उन्होंने यह भी कहा है कि पेपर लीक हुआ है, लेकिन इसकी जानकारी मुझे समय पर नहीं दी गयी, नहीं तो मैं उसी दिन परीक्षा रद्द कर देता. प्रभात खबर ने उनसे महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर बात की.
क्या पेपर लीक हुआ है?
एसआइटी के अफसर जो पेपर लेकर आये, वह हमारा ही पेपर था. इससे स्पष्ट है कि पेपर लीक हुआ है. हालांकि, पुलिस तीन दिनों के बाद उस पेपर को हमारे पास लेकर आयी. यही चीज उस दिन बता देते, मैसेज-वाट्सएप कर देते, तो हम ही परीक्षा रद्द कर देते. अब सरकार इस पर फैसला लेगी.
पेपर कहां से लीक हुआ?
4.5 लाख कैंडिडेट, 38 जिलों के कलेक्टर और एसपी, 700 से ज्यादा सेंटर के लोग इस परीक्षा में पूरी तरह इन्वाल्व थे. किसने गलती की, इसकी जांच करना एसआइटी का काम है. हमारा आर्गेनाइजेशन तो 20-30 लोगों का है. हम क्या कर सकते हैं?
किसको जिम्मेवार मानते हैं, कहां चूक हुई है?
732 सेंटर हैं. सभी सेंटर पर मोबाइल चेक करने का आदेश है. हमने सारी व्यवस्था की है और सरकार को रिपोर्ट देते रहे हैं. इस मामले में स्पष्ट है कि चूक
सेंटर से लीक हुआ…
सेंटर पर हुई है. सरकार को देखना चाहिए, क्योंकि हमारा छोटा संगठन है. ट्रेजरी लेवल पर चूक हुई या नहीं, यह नहीं पता. पेपर खुलने के बाद ही लीक हुआ होगा न? ट्रेजरी अफसर थोड़े खोलता है. खोलता ताे सेंटर वाला है.
क्या बोर्ड का स्ट्रेंथ कम है?
जहां 18 लाख लड़के परीक्षा दे रहे हैं, वहां 30 कर्मचारियों का समूह क्या करेगा? आप जानते नहीं हैं कि हमारी ताकत क्या है? ऑफिस एकांत में है, जहां रात में कोई आ जाता है, रेड भी हो चुका है. हमने सरकार को इस बारे में कब का बताया था. अभी-अभी सरकार ने जेइ और ऑडिटर की परीक्षा रद्द कर दी. हमसे पूछा गया था, तो हमने कहा कि रद्द कर दीजिए.