सासाराम नगर : जिले में लोकल अपराधियों के बुलावे पर कोढ़ा गिरोह के सदस्य अापराधिक घटनाओं को अंजाम देने के लिए आते हैं. लोकल अपराधी कोढ़ा गिरोह के सदस्यों के ठहरने, खाने-पीने सहित सारी जरूरत के सामान मुहैया कराते हैं.
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लोकल अपराधियों के बुलावे पर पहुंचते हैं कोढ़ा गिरोह के शातिर
सासाराम नगर : जिले में लोकल अपराधियों के बुलावे पर कोढ़ा गिरोह के सदस्य अापराधिक घटनाओं को अंजाम देने के लिए आते हैं. लोकल अपराधी कोढ़ा गिरोह के सदस्यों के ठहरने, खाने-पीने सहित सारी जरूरत के सामान मुहैया कराते हैं. शनिवार को कोढ़ा गिरोह के साथ तीन लोकल अपराधियों की गिरफ्तारी से इसकी पुष्टि होती […]
शनिवार को कोढ़ा गिरोह के साथ तीन लोकल अपराधियों की गिरफ्तारी से इसकी पुष्टि होती है. पहले कोढ़ा गिरोह के सदस्य छोटे स्तर पर ही लूट व छिनतई करते थे. लेकिन इधर दो वर्षो में जिले में कई बड़ी लूट की घटनाओं को अंजाम दे पुलिस को कड़ी चुनौती देते रहे हैं. हालांकि पुलिस दो बार कोढ़ा गिरोह के सदस्यों को पकड़ने में सफल रही है.
इसके बाद भी जिले में कोढ़ा गिरोह सक्रिय है और इस गिरोह पर अंकुश लगाना पुलिस के लिए बहुत मुश्किल साबित हो रहा है, क्योंकि कोढ़ा गिरोह के सदस्य पेशेवर अपराधी होते हैं और इनका परिवार अपराध की ही रोटी खाता है. कटिहार जिले के कोढ़ा थाना क्षेत्र के दर्जन भर गांवों के लोगों का कोई दूसरा धंधा नहीं है. इनके घरों की महिलाएं और बच्चे भी अपने स्तर पर चोरी करते हैं.
कोढ़ा गिरोह को संरक्षण देता है शहर का एक सफेदपोश : शहर में एक ऐसा अपराधी है, जिसका नाम अभी तक पुलिस की डायरी में अंकित नहीं हो सका है. लेकिन उसके नेतृत्व में अपराधी दर्जनों बड़ी लूट की घटनाओं को सफलतापूर्वक अंजाम दे चुके हैं. जानकार बताते हैं कि पहले यह अपराधी लोकल अपराधियों से लूट व छिनतई कराता था.
लेकिन इसमें पकड़े जाने खतरा ज्यादा था. इसलिए इसने कटिहार जाकर कोढ़ा गिरोह से संपर्क किया और उनको सभी सुविधाएं मुहैया कराने का वादा कर सासाराम ले आया. सफेदपोश अपराधी इस गिरोह को सारी सुविधाएं उपलब्ध कराता है. कोढ़ा गिरोह की सबसे बड़ी खासियत है कि पकड़े जाने पर ये लोग कभी अपने साथियों और संरक्षण देने वालों की पहचान पुलिस को नहीं बताते हैं.
लूट के दौरान अगर कभी कोढ़ा गिरोह के अपराधी भीड़ के हाथों मारे गये, तो इनके परिजन शव काे पहचानने से भी इन्कार कर देते हैं. शहर के इस सरगना के साथ आठ युवा अपराधी जुड़े हैं, जो शहर के विभिन्न बैंको में बड़ी रकम निकालने वालों पर नजर रखते हैं. बड़ी रकम निकालने वाले की पहचान कोढ़ा गिरोह को बताते हैं.
बाहर इंतजार में बैठे कोढ़ा गिरोह के सदस्य अपने शिकार का पीछा करते हैं और मौका मिलते ही परिस्थिति के अनुसार लूट व छिनतई की घटना को अंजाम दे सुरक्षित अपने ठिकाने पर चले जाते हैं. उक्त सफेदपोश अपराधी कोढ़ा गिरोह के पीछे लगा रहता है, ताकि लूट के बाद अगर किसी ने उन अपराधियों का पीछा किया, तो भागने में मदद की जा सके. कोढ़ा गिरोह के साथ स्थानीय अपराधियों की गिरफ्तारी से पुलिस चिंतित हो उठी है.
गौरतलब है कि सोमवार को ही पुलिस ने 10 अपराधियों को गिरफ्तार किया था और उनके पास से काफी मात्र में हथियार बरामद किये थे. गिरफ्तार अपराधियों में तीन स्थानीय अपराधी व सात कोढ़ा गिरोह के सदस्य थे. पुलिस की पूछताछ में गिरफ्तार स्थानीय अपराधियों ने स्वीकार किया था कि वे कोढ़ा गिरोह के सदस्यों को आपराधिक घटनाआें को अंजाम देने के लिए बुलाते थे.
कार्रवाई में पुलिस ने 10 गिरफ्तार अपराधियों के पास से तीन गोलियां लोड देशी पिस्टल, एक देशी कट्टा, एक एयर पिस्टल, .315 बोर के दो कारतूस व दो खोखे, पिस्टल की दो खाली मैगजीन, 13 मोबाइल फोन, 35 सिम कार्ड, एक अपाचे व दो पल्सर बाइक बरामद किये थे.
क्या कहते हैं अधिकारी
शनिवार को तकिया बाजार समिति परिसर से लूट की योजना बनाते कोढ़ा गिरोह के सदस्यों को पकड़ा गया था. इन 10 अपराधियों में तीन स्थानीय हैं. इससे साबित होता है कि कोढ़ा गिरोह के साथ लोकल अपराधी भी जुड़ गये हैं, जो चिंता का विषय है. कोढ़ा गिरोह के सदस्य पेशेवर अपराधी हैं, जो सिर्फ अापराधिक घटनाओं को अंजाम देना जानते हैं. अब लोकल अपराधियों पर भी करीबी नजर रखी जा रही है.
लक्ष्मण प्रसाद, डीएसपी सासाराम
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