जल पर्षद बोर्ड की पहल भी नहीं आयी काम
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वाटर सप्लाई के लिए बिजली पर निर्भरता
जल पर्षद बोर्ड की पहल भी नहीं आयी काम नवादा नगर : हर घर नल का जल पहुंचाने की कोशिश जिला मुख्यालय में भी दिखती है. लेकिन, इसका सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आया है. वाटर सप्लाई की पुरानी व्यवस्था के साथ पांच स्थानों पर वाटर टंकी बना कर सप्लाई के लिए पाइपलाइन बिछायी गयी है. […]
नवादा नगर : हर घर नल का जल पहुंचाने की कोशिश जिला मुख्यालय में भी दिखती है. लेकिन, इसका सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आया है. वाटर सप्लाई की पुरानी व्यवस्था के साथ पांच स्थानों पर वाटर टंकी बना कर सप्लाई के लिए पाइपलाइन बिछायी गयी है. पीएचईडी के जिम्मे शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में वाटर सप्लाई का काम था. लेकिन, राज्य सरकार द्वारा सीधे जल पर्षद बोर्ड ने नया पाइपलाइन बिछा कर टंकी के माध्यम से पानी सप्लाई की जा रही है.
विभागीय दावों व इंफ्रास्ट्रक्चर की उपलब्धता के अनुसार पानी की कमी नहीं होनी चाहिए थी. लेकिन, सच्चाई इससे उलट है. जिला मुख्यालय में पानी के लिए सार्वजनिक स्तर पर कम साधन दिखते हैं. वहीं घरों में पानी नहीं पहुंचने तथा जिन स्थानों पर पानी पहुंच रहा है, वहां गंदा पानी आने की शिकायत लोग करते हैं. नयी पाइपलाइन अधिकतर स्थानों पर सही काम कर रहा है. लेकिन इसमें भी पानी रिसने तथा धार कम होने की परेशानी शुरू हो गयी है.
कई जगहों पर पुराना सिस्टम बेकार : शहरी क्षेत्र में वाटर सप्लाई के लिए पीएचईडी का लगभग 40 साल पुराना सेटअप अब कई स्थानों पर बेकार हो गया है. सीधे तौर पर पशुपालन कार्यालय तथा नगर थाने का वाटर सप्लाई सिस्टम खराब हो चुका है. मोटर पूरी तरह से खराब हो जाने से सप्लाई बंद हो गयी है. शहर में 14 से अधिक स्थानों पर मोटर लगा कर पानी सप्लाई के लिए इंतजाम किया गया है. 50 से 35 हार्स पावर के मोटर द्वारा पानी की सप्लाई सीधे मोटर से होती है. पानी के स्टोरेज सुविधा नहीं होने के कारण बिजली रहने पर मोटर चलता है. जबकि बिजली गुल होने पर पानी सप्लाई भी ठप हो जाती है.
कलेक्ट्रेट, पुरानी जेल, स्टेडियम, सर्किट हाउस, अस्पताल परिसर, ऑफिसर कॉलोनी आदि जगहों पर चलनेवाले मोटरों से शहर के बाजार वाले हिस्से में वाटर सप्लाई होती है. जबकि पार नवादा क्षेत्र के लिए बुंदेलखंड व अंसारनगर, मिर्जापुर में बिगहा की तरफ तथा पुलिस लाइन व नया जेल परिसर में भी वाटर सप्लाई सेंटर बना है. आईटीआई में भी वाटर सप्लाई का सिस्टम लगा है.
मोटर चलाने में कर्मचारी नहीं देते ध्यान
वाटर सप्लाई पूरी तरह से बिजली पर निर्भर है. किसी प्रकार की तकनीकी खराबी आने पर वाटर सप्लाई नहीं होती है. कर्मचारियों को मोटर चलाने के लिए शिफ्ट में बांटा गया है. लेकिन, कुछ स्थानों पर सप्लाई के लिए कर्मी मोटर ही नहीं चलाते हैं. खासकर स्टेडियम के मोटर को सही ढंग से चलाया नहीं जाता है. इस कारण इन क्षेत्रों में वाटर सप्लाई की समस्या रहती है. शहर के कई स्थानों पर सप्लाई पाइप से ही कनेक्शन कर घर में पानी की आपूर्ति की जाती है. बिजली नहीं रहने या कर्मचारियों की लापरवाही के कारण अक्सर पानी की समस्या होती है. खासकर मेन रोड, पुरानी बाजार, स्टेडियम रोड आदि में पानी वितरण में गड़बड़ी की समस्या रहती है.
कई वार्डों के लोगों को नहीं मिल रहा लाभ
शहर के 24 वार्डों में जल पर्षद द्वारा बनायी गयी वाटर टंकी व बिछायी गयी पाइपलाइन से सप्लाई शुरू कर दी गयी है. मुहल्ले के सभी घरों में वाटर कनेक्शन दिये जा रहे हैं. बावजूद शहर का कई हिस्सा अब भी वाटर सप्लाई की सुविधा से नहीं जुड़ पाया है. शेष बचे हुए वार्डों में वार्ड स्तर पर पानी की सप्लाई के लिए सुविधा जल पर्षद के माध्यम से की जा रही है.
लापरवाह कर्मचारियों पर होगी कार्रवाई
पुरानी व्यवस्था के अनुसार जो सुविधा मिल रही है, वह जारी रहेगी. शहर के सभी पंप हाउस पर कर्मी कार्यरत हैं. पानी सप्लाई में गड़बड़ी होने पर संबंधित अधिकारी को सूचना मिलने पर सुधार किया जाता है. किसी भी खास जगह का मोटर अक्सर नहीं चलाया जाता है, तो इसकी जांच कर कार्रवाई की जायेगी.
चंद्र प्रकाश, कार्यपालक अभियंता, पीएचईडी
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