Digital Arrest: दिल्ली पुलिस ने एक बुजुर्ग महिला से 1.16 करोड़ रुपये की साइबर ठगी करने वाले गिरोह के तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. इन लोगों पर महिला को डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाकर बड़ी रकम अपने खातों में ट्रांसफर करवाने का आरोप है. पुलिस के अनुसार, पीड़ित महिला के पति सरकारी कर्मचारी थे, जिनका निधन हो चुका है. महिला अकेली रहती हैं और उनकी बेटी विदेश में रहती है.
इसी बात का फायदा उठाकर साइबर ठगों ने उन्हें अपना शिकार बनाया. 25 अप्रैल को आरोपियों ने वीडियो कॉल के जरिए खुद को कानून प्रवर्तन एजेंसी का अधिकारी बताया. कॉल के दौरान उन्होंने महिला को फर्जी गिरफ्तारी आदेश दिखाया और कहा कि उनके खिलाफ गंभीर मामला दर्ज है.
क्या है मामला
आरोपियों ने महिला पर दबाव बनाया और धमकी दी कि अगर उन्होंने तुरंत पैसे नहीं दिए तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा. डर और घबराहट में बुजुर्ग महिला बैंक गईं और आरटीजीएस के माध्यम से कुल 1.16 करोड़ रुपये अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर दिए.
जांच में पुलिस को पता चला कि ठगी की गई रकम में से करीब 1.10 करोड़ रुपये हिमाचल प्रदेश में स्थित एक एनजीओ के चालू खाते में जमा कराए गए थे. यह खाता असल में बिहार के पटना से साइबर ठगों द्वारा चलाया जा रहा था. पुलिस उपायुक्त (Deputy Commissioner of Police) आदित्य गौतम ने बताया कि इस पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच तेज की गई.
पुलिस की जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी प्रभाकर कुमार ने मोबाइल फोन में एक एपीके फाइल इंस्टॉल की थी. इस फाइल के जरिए फर्जी बैंक खातों से जुड़े सिम कार्ड एक्टिव किए जाते थे, जिससे ठगी के पैसे आसानी से इधर-उधर भेजे जा सकें.
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पुलिस ने क्या बताया
पुलिस ने बताया कि इस बैंक खाते के खिलाफ राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर पहले से ही 32 शिकायतें दर्ज हैं, जिनमें करीब 24 करोड़ रुपये की ठगी का आरोप है. मामले की जांच के दौरान पुलिस ने बिहार और हिमाचल प्रदेश में छापेमारी कर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया.
अब तक ठगी की गई रकम में से 17 लाख रुपये पीड़िता को वापस मिल चुके हैं. बाकी राशि की वसूली के लिए पुलिस की कार्रवाई जारी है. यह मामला लोगों के लिए चेतावनी है कि किसी भी डराने वाली कॉल या वीडियो कॉल पर भरोसा न करें और तुरंत पुलिस से संपर्क करें.
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