Success Story, मोनु कुमार मिश्रा,बिहटा: बिहार के नालंदा जिले की दीप नगर बिहार शरीफ की रहने वाली पूजा कुमारी ने यह साबित कर दिखाया है कि अगर इरादे मजबूत हों तो राह की सबसे बड़ी अड़चन भी मंजिल तक पहुंचने से नहीं रोक सकती. किसान पिता धर्मदेव चौधरी और गृहिणी मां मीरा देवी की होनहार बेटी ने 67वीं बीपीएससी परीक्षा पास कर इतिहास रचा जिसकी कहानी दूसरी लड़कियों के लिए प्रेरणा स्रोत है. पूजा आज आज लाखों युवाओं, खासकर लड़कियों के लिए प्रेरणा बन गई हैं.
पूजा के सपने बड़े थे
पूजा की शुरुआत एक साधारण सरकारी स्कूल से हुई. घर की आर्थिक स्थिति इतनी कमजोर थी कि कभी-कभी चूल्हा जलाने तक के लिए संसाधन नहीं होते थे. लेकिन इन तमाम मुश्किलों के बावजूद पूजा के हौसले कभी नहीं डगमगाए. उन्होंने बिहार शरीफ से स्नातक की पढ़ाई पूरी की और फिर पटना जाकर बीपीएससी की तैयारी शुरू की. बीपीएससी की परीक्षा में लगातार तीन बार असफल होने के बाद भी पूजा ने हार नहीं मानी.
समाज के तानों को सुनती रही
समाज के लोग बार-बार उससे पूछते थे कि कितनी बार फेल करोगी. अब तो शादी कर लो. इस सब के बीच पूजा ने अपना आत्मविश्वास बनाए रखा. उनके दोनों भाई जो रेलवे में अधिकारी हैं, और उनके माता-पिता हर कदम पर साथ खड़े रहे. पूजा ने कहा, “मैं अकेली नहीं लड़ी, मेरे साथ मेरा परिवार लड़ा. शादी का दबाव… पर सपना पहले समाज जब शादी की जिद पर अड़ा था, तब पूजा का परिवार उनके सपनों के साथ था. पहले मंजिल, फिर शादी और हुआ भी ऐसा ही.”
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मजबूत इरादे से सबकुछ संभव
जुलाई 2024 में पूजा की शादी फॉरेंसिक विभाग में कार्यरत सुनील कुमार से हुई, लेकिन तब जब उन्होंने अपने जीवन का सबसे बड़ा सपना पूरा कर लिया. उनका सफर उन हजारों लड़कियों के लिए एक रौशनी की तरह है, जो सामाजिक दबाव और आर्थिक तंगी के बावजूद अपने सपनों की उड़ान भरना चाहती हैं. पूजा की कहानी हर लड़की के लिए पैगाम है. इससे पता चलता है कि अगर सपनों के पीछे जुनून हो और परिवार साथ हो तो कोई भी लड़की अपनी किस्मत खुद लिख सकती है.
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