पहल. जिले के 44 टोले में पहुंचेगा नल का पानी
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दस स्थलों का मिला एनओसी
पहल. जिले के 44 टोले में पहुंचेगा नल का पानी आज पटना के अधिवेशन भवन से करेंगे योजनाओं का शिलान्यास दो अक्तूबर से काम होंगे शुरू बिहारशरीफ : बिहार ग्राम स्वच्छ पेयजल निय योजना के तहत प्रथम चरण में जिले के 44 गुणवत्ता प्रभावित टोलों में हर घर नल जल योजना का लाभ पहुंचाया जायेगा. […]
आज पटना के अधिवेशन भवन से करेंगे योजनाओं का शिलान्यास
दो अक्तूबर से काम होंगे शुरू
बिहारशरीफ : बिहार ग्राम स्वच्छ पेयजल निय योजना के तहत प्रथम चरण में जिले के 44 गुणवत्ता प्रभावित टोलों में हर घर नल जल योजना का लाभ पहुंचाया जायेगा. लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग द्वारा पूर्व से आच्छादित ग्राम पंचायतों के सभी परिवारों को नाल से जल देने की व्यवस्था की जायेगी. फ्लोराइड,आर्सेनिक और आयरन से प्रभावित ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ जल उपलब्ध कराने के लिए जिले के 44 टोले का चयन किया गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 27 सितंबर को पटना के अधिवेशन भवन से इन 44 टोले की योजनाओं का शिलान्यास करेंगे.
विभाग ने मांगा स्थल का एनओसी
44 टोलों में हर घर नल जल योजना का शिलान्यास के पूर्व विभाग ने स्थल का एनओसी की मांग की है. विभाग के अधिकारी इस पर तेजी से काम कर रहे हैं. करीब 10 से अधिक टोले के स्थल का चयन कर एनओसी विभाग को दिया जा चुका है. कतरीसराय,सरमेरा,हरनौत आदि जगहों से एनओसी आ चुका है अन्य जगहों से एनओसी प्राप्त करने के लिए कार्रवाई तेज है.
दो अक्तूबर से शुरू होगा कार्य
27 सितंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना में जिले के 44 टोलों में हर घर नल जल योजना का शिलान्यास करेंगे. इस पर दो अक्टूबर से कार्य शुरू हो जायेगा. इस कार्य के लिए संवेदक द्वारा काम शुरू करने के लिए सभी चयनित टोलों में संवेदक द्वारा काम शुरू करने के लिए सभी तैयारी पूरी कर ली गयी है.
बेन व गिरियक आर्सेनिक प्रभावित
आर्सेनिक प्रभावित क्षेत्रों में इस योजना को प्राथमिकता से लागू करने पर जोर है. जिले के गिरियक,राजगीर,कतरीसराय व बेन प्रखंड क्षेत्र सबसे ज्यादा आर्सेनिक प्रभावित क्षेत्र हैं. आर्सेनिक नामक धीमे चहर के कारण लीवर, किडनी आदि की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. आर्सेनिक प्रभावित क्षेत्रों में हर घर नल जल योजना को प्राथमिकता दी गयी है.
वर्ष 2019-20 तक कार्य करने का लक्ष्य
राज्य सरकार ने हर घल नल जल योजना को जमीन पर उतारने के लिए तीन विभागों नगर विकास एवं आवास विभाग, पंचायती राज विभाग एवं लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग को यह जिम्मेवारी दी है. इन योजनाओं को वर्ष 2019-20 तक पूरा कर लेने का लक्ष्य है.
इन टोलों का हुआ है चयन
जिले के कई प्रखंडों के गुणवत्ता प्रभावित टोलों का चयन किया गया है. इनमें कतरीसराय के चार, नूरसराय के तीन, बेन व गिरियक के दस, बिंद के एक, अस्थावां के एक, सरमेरा दो, हरनौत के दो, रहुई के चार सहित अन्य प्रखंडों के टोले भी शामिल हैं.
क्या कहते हैं अधिकारी
हर घर नल जल योजना के तहत प्रथम चरण में गुणवत्ता प्रभावित जिले के 44 टोलों का चयन किया गया है. इन टोलों में स्थल का एनओसी प्राप्त करने की कार्रवाई पूरी की जा रही है. दस से अधिक टोलों से स्थल का एनओसी प्राप्त हो चुका है. 27 सितंबर को पटना के अधिवेशन से मुख्यमंत्री योजनाओं का शिलान्यास करेंगे. संवेदक का भी चयन किया जा चुका है. दो अक्तूबर से इस पर कार्य शुरू हो जायेगा.
मनोज कुमार, कार्यपालक अभियंता,पीएचइडी बिहारशरीफ
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