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शादी-विवाद में डीजे ने लोगों की धड़कनों को बढ़ाया

बिहारशरीफ : शादी-विवाह को आकर्षक बनाने के लिए इन दिनों डीजे का प्रचलन तेज है. जिस शादी में डीजे की व्यवस्था नहीं हुई तो वह शादी बरातियों, दूल्हा व सरातियों को पसंद नहीं आ रही है, लेकिन डीजे में इस्तेमाल किये जानेवाले उच्च शक्ति के ध्वनि यंत्रों के कारण मानव शरीर पर क्या प्रभाव पड़ […]

बिहारशरीफ : शादी-विवाह को आकर्षक बनाने के लिए इन दिनों डीजे का प्रचलन तेज है. जिस शादी में डीजे की व्यवस्था नहीं हुई तो वह शादी बरातियों, दूल्हा व सरातियों को पसंद नहीं आ रही है, लेकिन डीजे में इस्तेमाल किये जानेवाले उच्च शक्ति के ध्वनि यंत्रों के कारण मानव शरीर पर क्या प्रभाव पड़ रहा है, इसके बारे में लोगों को शायद ही जानकारी हो.

डीजे आज मानव शरीर के लिए खास कर छोटे बच्चों व बुजुर्गो के लिए बीमारी का घर बनती जा रही है. डीजे की आवाज लोगों की धड़कने तेज करने के लिए काफी है. डीजे के गुजरने के दौरान घरों की खिड़कियां बजने लगती हैं, ऐसा लगता है मानो धरती डोल रही है, लेकिन इस डीजे की आवाज पर प्रतिबंध लगाने का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है.

बढ़ रहा ध्वनि प्रदूषण

दुनिया में सबसे ज्यादा ध्वनि प्रदूषण परिवहन प्रणाली से हो रहा है. इसमें हवाई जहाज व रेल से होनेवाली शोर भी शामिल है. खराब शहरी नियोजन भी ध्वनि प्रदूषण को बढ़ा सकता है.

मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव

पसंद न की जानेवाली ध्वनि को शोर-शराबा कहा जाता है. यह अवांछित ध्वनि शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य को हानि पहुंचा सकती है. ध्वनि प्रदूषण से चिड़चिड़ापन एवं आक्रामता के अतिरिक्त उच्च रक्तचाप, तनाव, श्रवण शक्ति का छीन होना, नीद में गड़बड़ी एवं अन्य हानिकारक प्रभाव पैदा करता है.

तनाव व उच्च रक्तचाप स्वास्थ्य समस्याओं का प्रमुख कारण है. ध्वनि प्रदूषण से स्मृति खोना, गंभीर अवसाद के साथ-साथ कई बार असमंजस का दौर पैदा करता है. इससे न्यूरोटिक मेंटल डिसऑर्डर के मामले बढ़ते जा रहे हैं.

ध्वनि प्रदूषण का कुप्रभाव

वायुमंडल में बढ़ रहे ध्वनि प्रदूषण के कई कुप्रभाव देखने को मिल रहे हैं. सबसे ज्यादा कुप्रभाव यह देखा जा रहा है पशु-पक्षियों की संख्या शहरी क्षेत्रों से दूर होती जा रही है. गोरैया से लेकर कौआ, चील, तोता, मैना, कबूतर अब कभी-कभार ही वास क्षेत्र में नजर आते हैं. ये पक्षी मानव के मित्र पक्षी हैं. इनके न रहने से कई तरह की परेशानियां मानव को झेलनी पड़ रही है.

Prabhat Khabar Digital Desk
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