शेखपुरा : पारिवारिक कलह में हुई मारपीट की घटना के बाद उपचार के लिए सदर अस्पताल पहुंची और एक और महिला की जान पर शामत आन पड़ी है. सदर अस्पताल में प्रारंभिक उपचार के बाद जब महिला के गर्भ में पल रहा बच्चा मृत होने की बात सामने आयी तब पीडि़ता के मुताबिक डॉक्टरों ने पांच दिनों तक उपचार के लिए टाल मटोल का रवैया अपनाते रहे और पीडि़ता प्रसव पूर्व बच्चे की मौत से कराहती रही. आखिरकार महिला सोमवार की रात्रि आनन फानन में निजी अस्पताल में भरती कराया गया.
जहां उसकी हालत गंभीर बतायी जा रही है. अरियराी के मनकौल गांव निवासी कैलाश प्रसाद की 28 वर्षीय विवाहिता विनीता देवी के पेट में चार माह का गर्भ घरेलु विवाद में मारपीट के दौरान गर्भवती की तबियत बिगड़ जाने के बाद उसे 21 अप्रैल की रत्रि सदर अस्पताल लाया गया. अस्पताल में जब डॉक्टरों ने अल्ट्रासाउंड करवा कर रिपोर्ट देखा तब गर्भ में बच्चा मृत था.
पीडि़ता के पति ने बताया कि 22 अप्रैल की सुबह से जब मरीज के उपचार को लेकर डॉक्टरों से संपर्क साधा तब थोड़ी देर रूकने की बात कह कर अगले चार दिनों तक टाल मटोल करतेक रहे. इलाज के अभाव में जब सोमवार की देर रात्रि करीब आठ बजे रात्रि महिला की तबियत बिगड़ी तब वहां इलाज के लिए एक भी डॉक्टर नहीं थे.