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दोनों की मित्रता ननिहाल में हुई थी.

बिहारशरीफ : शहर स्मार्ट सिटी बनने के दिशा में निरंतर प्रयास कर रहा है. शहर के लोगों तक बुनियादी सुविधाएं बहाल करना भी नगर निगम का दायित्व है. शहर के हर नागरिकों को शुद्ध पेजयल व्यवस्था दुरूस्त करने का बीड़ा नगर निगम ने उठाया है. शहर के लोगों की प्यास बुझाने की पर्याप्त व्यवस्था नहीं […]

बिहारशरीफ : शहर स्मार्ट सिटी बनने के दिशा में निरंतर प्रयास कर रहा है. शहर के लोगों तक बुनियादी सुविधाएं बहाल करना भी नगर निगम का दायित्व है. शहर के हर नागरिकों को शुद्ध पेजयल व्यवस्था दुरूस्त करने का बीड़ा नगर निगम ने उठाया है.

शहर के लोगों की प्यास बुझाने की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने के हजारों लोगों को प्रति दिन परेशानी उठानी पड़ती है. परेशानी को दूर करने के लिए कार्य योजना नगर निगम द्वारा बनाया जा रहा है. योजना की मंजूरी मिलने पर कार्य को धरातल पर उतारा जायेगा.

बनायी जायेगी योजना:हर घर तक पानी की व्यवस्था करने के लिए नगर विकास विभाग द्वारा 20 करोड़ रुपये व्यय किये जायेंगे. इसके लिए नगर विकास विभाग से हरी झंडी मिल गयी है. कार्य योजना का आदेश आने के बाद प्राकलन बनाया जायेगा. उक्त रुपये से पेयजल की व्यवस्था को दुरूस्त की जायेगी.
वार्ड पार्षदों की सहमति से बनेगा डीपीआर: शहर के तीन लाखों के हितों का ख्याल रखकर पेयजल के लिए डीपीआर बनायी जायेगी. डीपीआर बनाने वाली कंपनी नगर निगम के प्रतिनिधियों से अनुसार शहर का भौतिक सत्यापन के बाद ही योजना कार्य का प्रारूप बनाया जायेगा.
लगेंगे उच्च प्रवाही नलकूप व पाइन लाइन का होगा विस्तार:
उक्त रुपये से शहर के शहर के कई स्थानों पर उच्च प्रवाही नलकूप लगाये जायेंगे. नलकूप के लिए हैवी बोरिंग भी की जायेगी. नलकूप बनाकर घर-घर तक पाइप लाइन की विस्तार की जायेंगी. योजना की खास बात यह है कि शहर के वैसे मुहल्ले व घर जहां पाइप लाइन का विस्तार नहीं किया गया है वहां प्राथमिकता देना है. हर घर को कनेक्शन करने की भी योजना है.
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हंगामा के बाद आवंटन की बनी बात:एक दिसंबर को बिहारशरीफ नगर निगम में जल बोर्ड परिषद की बैठक की गयी थी. बैैठक में वार्ड पार्षदों ने जमकर हंगामा किया. लोगों का आरोप था कि जल परिषद बोर्ड द्वारा 20 करोड़ खर्च किये जाने के बाद भी शहर के 29 वार्डों में परिषद द्वारा कोई कार्य नहीं कराया गया. वार्ड पार्षदों द्वारा की गयी हंगामें की सूचना नगर विकास को दी गयी.
सूचना ने बाद विभाग ने पेयजल के लिए 20 करोड़ रुपये और देने की घोषणा की है. बैठक में पार्षदों ने यह भी आरोप लगाया था कि रुपये का बंदरबांट कर दिया गया है. लोगों का यह भी कहना था कि कार्य करने में अनदेखी की गयी है. गलत तरीक से डीपीआर बना कर कार्य कराया गया है. यही कारण है कि 29 वार्डो में बोर्ड द्वारा कोई कार्य नहीं कराया गया है.
शहर में पाइप लाइन के विस्तार से लेकर उच्च प्रवाही नलकूप तक लगायी गयी. मात्र आठ वार्ड संख्या के लिए योजना दिया गया था. इसमें छह, सात, सत्ताइस,उन्नतीस, इक्कतीस व बत्तीस नंबर वार्ड शामिल है. मेयर सुधीर कुमार व उपमेयर शंकर कुमार ने बताया कि 20 करोड़ रुपये से शहर की पेयजल व्यवस्था को दुरुस्त करने में मदद मिलेगी.

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