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छात्रवृत्ति योजना में फर्जीवाड़े की खबर से हड़कंप
बिहारशरीफ : प्रभात खबर में छात्रवृत्ति योजना में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े की खबर प्रकाशित होने के बाद हड़कंप मच गया है. पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के क्रियान्वयन से जुड़े अधिकारी व कर्मी फंसने के भय से काफी सतर्क हो गये हैं और अब छात्र-छात्राओं के छात्रवृत्ति राशि के वितरण कार्य में काफी फूंक-फूंक कर […]
बिहारशरीफ : प्रभात खबर में छात्रवृत्ति योजना में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े की खबर प्रकाशित होने के बाद हड़कंप मच गया है.
पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के क्रियान्वयन से जुड़े अधिकारी व कर्मी फंसने के भय से काफी सतर्क हो गये हैं और अब छात्र-छात्राओं के छात्रवृत्ति राशि के वितरण कार्य में काफी फूंक-फूंक कर कदम उठा रहे हैं. वहीं आये दिन कल्याण शाखा का चक्कर लगाने वाले बिचौलिये भी शुक्रवार को नजर नहीं आये.
लोगों का कहना है कि इतने बड़े पैमाने पर छात्रवृत्ति की राशि को हड़पने वाले रैकेट में कार्यालय का रोजाना चक्कर लगाने वाले बिचौलियों की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा रहा सकता. इस फर्जीवाड़े की गहन जांच के बाद ही रैकेट में शामिल लोगों का परदाफाश किया जायेगा.
परंतु इसमें योजना के क्रियान्वयन से जुड़े कर्मियों की भूमिका संदेह से परे नहीं है. जांच के बाद ही पता चलेगा कि यह गोरखधंधा कितने दिनों से चल रहा था तथा अब तक कितनी राशि फर्जीवाड़ा कर गबन किया गया.
पूर्व में भी पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति वितरण में फर्जी संस्थान के नाम पर छात्रवृत्ति की राशि भुगतान करने सहित कई तरह की गड़बड़ियां पायी गयी थी.
जिसकी जांच के बाद स्थानीय जिला कल्याण शाखा के दो कर्मियों पर कार्रवाई की गयी थी. इन्हीं गड़बड़ियों की पुनरावृत्ति रोकने के लिए विकास मित्रों के माध्यम से अनुसूचित जाति पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना में प्राप्त से भी आवेदनों की जांच करायी जा रही है.
क्या कहते हैं अधिकारी
प्रभात खबर में प्रकाशित खबर को संज्ञान में लेते हुए इस पूरे प्रकरण की जांच का आदेश दिया गया है.इस कल्याणकारी योजना पर बुरी नजर रखने वाले लोगों पर जांच के बाद सख्त कार्रवाई की जायेगी. इसके साथ ही पूर्व में वितरण किये गये योजना राशि की भी जांच करायी जायेगी.
-डॉ त्याग राजन एसएम, डीएम नालंदा
विकास मित्रों द्वारा आवेदनों का सत्यापन कराया जा रहा है. उसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ी पायी गयी है.
इस संबंध में वरीय अधिकारियों के निर्देश पर जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. योगेन्द्र पाठक, जिला कल्याण पदाधिकारी नालंदा
क्यों है इस पर नजर
अनुसूचित जाति के छात्र-छात्राओं को मैट्रिक के बाद आगे की पढ़ाई जारी रखने के लिए सरकार द्वारा अन्य वर्ग से अधिक राशि छात्रवृत्ति के रूप में प्राथमिकता के आधार पर प्रदान की जाती है. जिला व राज्य के बाहर स्थित संस्थानों में पढ़ने वाले अनुसूचित जाति के छात्र-छात्राओं पर सरकार अच्छी खासी रकम खर्च करती है.
इसे हड़पने के लिए न केवल फर्जी नाम, पता व प्रमाण पत्र के आधार पर आवेदन दिये जाते हैं, बल्कि फर्जी शिक्षण संस्थान के नाम से एकाउंट खोलवा कर छात्रवृत्ति राशि का गबन किया जाता है.
लौटायी गयी छात्रवृत्ति राशि
अनुसूचित जाति पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना मद में जिले को वित्तीय वर्ष 2014-15 में आवंटित कुल चार करोड़ 70 लाख रुपये को वापस संबंधित विभाग को वापस लौटा दिया गया है.
विभागीय निर्णय के अनुसार आवेदनों की जांच व सत्यापन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब वहीं से छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति की राशि उपलब्ध करायी जायेगी.
हालांकि प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना में कुल 69,619 छात्र-छात्राओं के बीच कुल सात करोड़ पांच लाख रुपये जिला स्तर से हीं वितरित किया गया है.
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