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नहाय-खाय के साथ बड़गांव में छठ पर्व शुरू
सिलाव : बड़गाव सहित सिलाव प्रखंड में नहाय-खाय के साथ आस्था का महापर्व छठ सोमवार से शुरू हो गया. सवेरे से ही व्रती सूर्य तालाब में स्नान कर पूजा-पाठ के बाद घर में पूरी पवित्रता के साथ चावल और चने की दाल के साथ कद्दू की सब्जी बना कर ग्रहण किया. छठ पर्व की शुरुआत […]
सिलाव : बड़गाव सहित सिलाव प्रखंड में नहाय-खाय के साथ आस्था का महापर्व छठ सोमवार से शुरू हो गया. सवेरे से ही व्रती सूर्य तालाब में स्नान कर पूजा-पाठ के बाद घर में पूरी पवित्रता के साथ चावल और चने की दाल के साथ कद्दू की सब्जी बना कर ग्रहण किया.
छठ पर्व की शुरुआत के साथ ही बड़गांव सहित सिलाव प्रखंड भक्तिमय हो गया है. चार दिवसीय छठ अनुष्ठान के दूसरे दिन व्रती खरना का अनुष्ठान करेंगे. जिसमें दिन भर उपवास के बाद संध्या समय में चावल दूध और गुड़ का सेवन करेंगे.
बुधवार को अस्ताचलगामी सूर्य को प्रथम अघ्र्य देने और गुरुवार को उदीयमान सूर्य को अघ्र्य देने के साथ छठा अनुष्ठान का समापन हो जायेगा. इस व्रत को लेकर बड़गांव में घाटों की सफाई की मुकम्मल व्यवस्था नगर पंचायत सिलाव, पंचायत समिति, मुखिया की ओर से की गयी है. सिलाव.लोक आस्था के महापर्व छठ सभी जगहों पर मनाये जाते हैं, लेकिन बड़गांव के प्राचीन सूर्य मंदिर तालाब में अघ्र्य देने का महत्व सबसे ज्यादा है. बताया जाता है कि भगवान कृष्ण के पौत्र राजा शांब द्वारा यहां के तालाब में स्नान व सूर्योपासना के बाद कुष्ठ रोग से मुक्ति मिली थी.
ऐसी मान्यता है कि राजा शांब ने सबसे पहले यहां सूर्य मंदिर की स्थापना की थी तथा कालांतर में अपने कंचन काया, पुत्र व धान की समृद्धि की मनोकामना की पूर्ति के लि तालाब में स्नान कर सूर्य को अघ्र्य देने की परंपरा शुरू की गयी. यहां अघ्र्य देने के लिए उड़ीसा,पश्चिम बंगाल,झारखंड,उत्तर प्रदेश के कई लोग यहां आकर छठ पूजा करते हैं.
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