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आधुनिक तरीके से करें खेती, सब्सिडी पर दिये जा रहे यंत्र

बिहारशरीफ : आधुनिक तरीके से खेती करने के लिए सब्सिडी पर कृषि यंत्र उपलब्ध कराने के लिए सोमवार से रामचंद्रपुर बाजार समिति के परिसर में दो दिवसीय कृषि यांत्रिकीकरण मेला शुरू हो गया. इस मेले का उद्घाटन डीएओ विभु विद्यार्थी, कृषि वैज्ञानिक डॉ उमेश नारायण उमेश, तकनीकी सहायक धनंजय कुमार आदि ने संयुक्त रूप से […]

बिहारशरीफ : आधुनिक तरीके से खेती करने के लिए सब्सिडी पर कृषि यंत्र उपलब्ध कराने के लिए सोमवार से रामचंद्रपुर बाजार समिति के परिसर में दो दिवसीय कृषि यांत्रिकीकरण मेला शुरू हो गया. इस मेले का उद्घाटन डीएओ विभु विद्यार्थी, कृषि वैज्ञानिक डॉ उमेश नारायण उमेश, तकनीकी सहायक धनंजय कुमार आदि ने संयुक्त रूप से किया. यह मेला मंगलवार तक चलेगा. मेले में कई किसानों ने विभिन्न तरह के कृषि उपकरणों की खरीदारी भी की.

डीएओ विभु विद्यार्थी ने कहा कि सरकार कृषि को बढ़ावा देने के लिए कई विकासपरक योजनाएं चला रही हैं. किसान बंधु जागरूकता के साथ इन योजनाओं का लाभ उठाएं. किसानों को अच्छी फसल की उपज के लिए उत्तम किस्म के बीज से लेकर आधुनिक तरीके के 74 प्रकार के कृषि उपकरण उपलब्ध कराये जा रहे हैं.
इन यंत्रों पर सरकार की ओर से निर्धारित अनुदान की राशि भी उपलब्ध करायी जा रही है. सरकार की इस योजना का लाभ उठाएं व आधुनिक कृषि उपकरण से खेती करें. आधुनिक ढंग से खेती करने से लागत कम आती है और फसलों की उपज भी अच्छी होती है.
फसल अवशेष को जलाएं नहीं, बल्कि करें प्रबंधन : डीएओ ने कहा कि खेतों में किसान फसल अवशेष को न जलाएं, बल्कि उसका प्रबंधन करें. फसल अवशेष प्रबंधन करने के लिए भी किसानों को चार प्रकार के यंत्र उपलब्ध कराये जा रहे हैं.
फसल प्रबंधन यंत्र के क्रय पर 75 से लेकर 80 प्रतिशत तक के अनुदान दिये जा रहे हैं. सामान्य वर्ग के किसानों को 75 और अनुसूचित जाति व जनजाति के कृषकों को 80 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है. इसलिए किसान इस योजना का लाभ उठाएं. पराली जलाने वाले किसान सरकार की कृषि योजना के लाभ से वंचित होंगे.
110 किसानों को निर्गत किया गया परमिट
डीएओ ने कहा कि आधुनिक तरीके से खेती करने के लिए 74 तरह के कृषि उपकरणों के क्रय करने के लिए 110 किसानों को परमिट निर्गत किया गया है, जिनमें पावर टिलर, रोटा वेटर, बेलयर, मल्चर, ट्रैक्टर, हार्वेस्टर, स्ट्रॉक रिपर, जीरो टिलेज आदि शामिल हैं. किसान अपनी इच्छानुसार कृषि यंत्रों की खरीदारी मेले या अधिकृत यंत्र विक्रेताओं के यहां से कर सकते हैं.
उन्होंने कहा कि अनुदान की राशि जांच-परख करने के बाद ही भुगतान की जायेगी. यानी यंत्रों के क्रय के कागजातों की जांच की जायेगी. उन्होंने कहा कि गत साल के अनुदान के लिए राशि प्राप्त हो गयी है. जिन किसानों का अनुदान बकाया है, उन्हें जल्द ही डीबीटी के माध्यम से भुगतान कर दिया जायेगा.
एक हार्वेस्टर की लागत 20.40 लाख है, जिस पर चार लाख रुपये अनुदान देय है. इसी तरह अन्य उपकरणों के लिए अलग-अलग अनुदान देय है. डीएओ ने कहा कि जिले में 10 कस्टम हायरिंग सेंटर बनाये गये हैं. इन सेंटरों से जरूरतमंद किसान कृषि उपकरण भाड़े पर भी ले सकते हैं.
जैविक खेती पर दिया गया बल
मेले में जैविक खेती करने पर बल दिया गया. तकनीकी सहायक धनंजय कुमार ने कहा कि जैविक कॉरिडोर के तहत जिले के सात प्रखंड शामिल किये गये हैं. इन प्रखंडों के दो हजार हेक्टेयर में जैविक खेती करने का लक्ष्य है.
जैविक खेती करने में लागत भी कम आयेगी और फसल की उपज अच्छी होगी. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन का प्रयास है कि जिले में जितने भू-भाग हैं उसके पांच प्रतिशत भूमि में जैविक खेती हो.
कृषि वैज्ञानिक डॉ उमेश नारायण उमेश ने कहा कि किसान बंधु अच्छी फसल उपज लेने के लिए आधुनिक तरीके से खेती करें. वैज्ञानिकों की सलाह के अनुसार खेतों में उर्वरक, कीटनाशी आदि का इस्तेमाल करें. मिट्टी की जांच अवश्य कराएं, ताकि मिट्टी की उर्वरा शक्ति का पता चल सके.

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