बीहट : राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव रंग-संगम के पहले दिन बीहट मध्य विद्यालय परिसर में शहीदों को समर्पित पांच दिवसीय कार्यक्रम के तहत वसंत लिखित और रामजी बाली द्वारा निर्देशित बहुचर्चित नाटक सैंया भये कोतवाल की प्रस्तुति दी गयी. हास्य-व्यंग्य के बीच नाटक की सुंदर प्रस्तुति ने समाज में चल रहे विसंगतियों और विभागों में अफसरशाही की पोल खोलकर रख दिया.
नाटक में हवलदार, कोतवाल और नगर प्रधान के बीच हुए संवाद आज के समय से मेल खाती है. वर्तमान समय में समाज के अंदर जो भाई-भतीजावाद और विभागों में जो लालफीताशाही चल रही है उसके ऊपर चुटीले संवादों को दर्शकों ने तालियां बजाकर अपनी स्वीकृति दी.
जिस तरह ऊपर के अफसर अपने नीचे के अफसर के साथ व्यवहार करते हैं और बिना कुछ सोचे-समझे उसका पालन करने को बाध्य करते हैं,प्रस्तुत नाटक इसे उजागर करने में सफल रहा. मुख्य भूमिका में कोतवाल बने रामजी बाली के अलावा अमन कुमार,चंदन शर्मा, नेहा वर्मा, प्रवीण, राजन शाकिर मोइन थे.संगीत रोहित वर्मा और मंच पर प्रकाश व्यवस्था रवि वर्मा ने किया.
मध्य विद्यालय बीहट की प्रस्तुति से दर्शकों की आंखें हुई नम : बीहट मध्य विद्यालय के बच्चों ने किलकारी की प्रस्तुति के माध्यम से पुलवामा के शहीदों को नृत्य व अभिनय से भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी. जिसे देखकर दर्शकों की आंखें नम हो गयी.
कलाकार साक्षी, पायल, शुभांगी, कोमल, खुशी, ज्योति,स्नेहा,सुमित,सचिन,आदर्श,आलोक के भाव-भंगिमा और नृत्य कौशल को लोग अपलक देखते रहे. कार्यक्रम संयोजक अनुपमा सिंह, समन्वयक अभिनव कुमार और कोरियोग्राफर राजचंद्र ठाकुर की बेहतरीन प्रस्तुति ने लोगों की आंखें नम कर दी .बताते चलें कि मध्य विद्यालय किलकारी के बच्चों की यह प्रस्तुति राज्य स्तर पर पुरस्कृत हो चुकी है.
