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मुख्यमंत्री नीतीश का गृह क्षेत्र है नालंदा : नीतीश, मोदी व महागठबंधन के नाम पर डाले जायेंगे वोट

नालंदा से लौटकर सुमित कुमार ऐतिहासिक व ज्ञान की धरती कहे जाने वाले नालंदा लोकसभा क्षेत्र में इस चुनाव उम्मीदवार गौण होगा. क्षेत्र के मतदाता उम्मीदवार के चेहरे से ऊपर उठकर नीतीश, मोदी या महागठबंधन के नाम पर वोट करेंगे. नालंदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गृह क्षेत्र है, जहां पिछले 23 साल से उनकी पार्टी […]

नालंदा से लौटकर सुमित कुमार
ऐतिहासिक व ज्ञान की धरती कहे जाने वाले नालंदा लोकसभा क्षेत्र में इस चुनाव उम्मीदवार गौण होगा.
क्षेत्र के मतदाता उम्मीदवार के चेहरे से ऊपर उठकर नीतीश, मोदी या महागठबंधन के नाम पर वोट करेंगे. नालंदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गृह क्षेत्र है, जहां पिछले 23 साल से उनकी पार्टी के उम्मीदवार ही सांसद चुने जाते रहे हैं. क्षेत्र के सात विधानसभा क्षेत्रों में से छह पर एनडीए (पांच जदयू-एक भाजपा) का कब्जा भी है. मतदाताओं के रुझान को देखें तो आंशिक भीतरघात के बीच इस क्षेत्र में दोनों बड़े गठबंधनों (एनडीए-महागठबंधन) के बीच सीधी टक्कर है.
एनडीए ने दो टर्म से वर्तमान जदयू सांसद कौशलेंद्र कुमार का टिकट बरकरार रखा है, जबकि महागठबंधन ने बिलकुल नये खिलाड़ी अशोक कुमार आजाद चंद्रवंशी को मौका दिया है. पिछले चुनाव में लोजपा के सत्यानंद शर्मा से कड़ी टक्कर में कौशलेंद्र कुमार महज नौ हजार वोट से जीते थे. इस क्षेत्र में आमलोगों में चर्चा है कि कौशलेंद्र व अशोक में ही मुख्य मुकाबला होगा.
नालंदा विस क्षेत्र : कांग्रेस कैंडीडेट होता तो लड़ाई होती
नालंदा विधानसभा क्षेत्र में ही खंडहर के समीप बड़गांव सूर्य मंदिर तालाब है. यहां पर करीब एक-डेढ़ दर्जन लोग आपसी चर्चा में व्यस्त थे. रंजीत कुमार कहते हैं- सांसद तो स्टांप हैं, वोट नीतीश-मोदी के चेहरे पर ही पड़ेगा.
कांग्रेस का कोई कैंडीडेट होता तो जमकर लड़ाई होती. हम के कैंडीडेट को कोई जानता भी नहीं है. कृष्णा सिंह वर्तमान सांसद कौशलेंद्र के बारे में बोलते हैं- दो टर्म से हैं, लेकिन उनको पहचानते नहीं. स्थानीय सूर्यनारायण जागृति मंच के पंकज कुमार बड़गांव मेला को राजकीय दर्जा मिलने के बाद घटी भीड़ को लेकर निराश दिखे. कहा- जन प्रतिनिधियों को इसकी चिंता ही नहीं है.
राजगीर विस क्षेत्र
एयर स्ट्राइक से बदल गया माहौल
राजगीर विधानसभा क्षेत्र में सिलाव स्वादिष्ट खाजा मिठाई को लेकर प्रसिद्ध है. प्रखंड कार्यालय के समीप धान बेचने आये नरहरबिगहा के अतुल यादव बताते हैं कि महागठबंधन से मांझी जी का कोई कैंडीडेट आया है.
रंधीर कुमार भी जीतन राम मांझी से प्रभावित दिखे. माहूरी गांव के मंटू कुमार ने एयर स्ट्राइक को जबरदस्त बताते हुए माहौल बदल जाने की बात कही. घोसतामा के अजीत कुमार कौशिक कहते हैं- सांसद फोटो हैं तो विधायक परदेसी. घोस्तामा-करियन्ना पइन पर पुल को लेकर कई बार आवाज उठायी, पर नतीजा नहीं मिला. इसकी वजह से बरसात में हर साल 25 गांवों का आवागमन ठप हो जाता है.
जदयू कैंडीडेट बदलता तो हार जाता : सिलाव बाजार में ही मिले नरहर बिगहा के विनोद कुमार उर्फ कवि जी कहते हैं कि जदयू दूसरा कैंडिडेट देता तो हार जाता. कौशलेंद्र सीधा-सादा है. छवि पर दाग भी नहीं है. विकास जेतना हो सकता है, करिये रहे हैं.

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