किराना दुकान व घर के सामान को भारी नुकसान
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खाना बनाते समय सिलिंडर में लगी आग, पांच झुलसे
किराना दुकान व घर के सामान को भारी नुकसान हिलसा (नालंदा) : खाना बनाने के दौरान गैस सिलिंडर के रिसाव से लगी आग में जहां एक ही परिवार के पांच लोग गंभीर रूप से झुलस गये. वहीं घर और किराना दुकान का सारा सामान जलकर राख हो गया. घटना चिकसौरा थाना क्षेत्र के मिर्जापुर गांव […]
हिलसा (नालंदा) : खाना बनाने के दौरान गैस सिलिंडर के रिसाव से लगी आग में जहां एक ही परिवार के पांच लोग गंभीर रूप से झुलस गये. वहीं घर और किराना दुकान का सारा सामान जलकर राख हो गया. घटना चिकसौरा थाना क्षेत्र के मिर्जापुर गांव में बुधवार की सुबह में घटी. बताया जाता है कि चिकसौरा थाना क्षेत्र के मिर्जापुर गांव निवासी निरंजन शर्मा के घर में खाना बनाने के दौरान गैस सिलिंडर के रिसाव के कारण आग लग गयी. सिलिंडर में आग लगते ही लोगों में अफरा-तफरी का माहौल हो गया. लोग कुछ समझ पाते तब तक परिवार के महिला सहित पांच लोग गंभीर रूप से झुलस गये. आग की लपटें इतनी भयावह थी कि देखते ही देखते घर में स्थित एक किराना दुकान एवं घर का सारा सामान जलकर राख हो गया. आग लगने की खबर पूरे गांव में फैल गयी.
घटना की सूचना मिलने के बाद फायर ब्रिगेड की गाड़ी पहुंची, परंतु रास्ता संकीर्ण होने की वजह से गाड़ी घटनास्थल पर नहीं पहुंच पायी. दमकलकर्मी विवश होकर अपनी सूझबूझ से ग्रामीणों के सहयोग से काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया. मौके पर पहुंची चिकसौरा थाना पुलिस ने सभी घायलों को इलाज के लिए अनुमंडलीय अस्पताल हिलसा में भर्ती कराया. जहां डॉक्टर नहीं बल्कि नर्स कंपाउंडर एवं अस्पताल के गार्ड ही इलाज के नाम पर खानापूर्ति करते हुए जख्मों पर मरहम लगा पटना पीएमसीएच रेफर कर दिया. परिजन मुंद्रिका देवी ने बताया कि किराना दुकान के सारे सामान के अलावा घर के अंदर कपड़ा, अनाज भी जलकर नष्ट हो गया है. करीब दो लाख की संपत्ति नुकसान होने का अनुमान है.
हादसे में ये लोग झुलसे: मिर्जापुर गांव में गैस सिलिंडर से घर में लगी आग के चपेट में आने से मुंद्रिका देवी, पुत्र निरंजन शर्मा, पंकज शर्मा, पतोहू मनोरमा देवी, पोता पम्मी कुमार एवं पोती निम्मी कुमारी गंभीर रूप से झुलस गयी. जिसमें सभी की हालत नाजुक बना हुआ है. बेहतर इलाज के लिए पटना पीएमसीएच रेफर कर दिया गया है.
चिकित्सक फरमा रहे थे आराम, गार्ड कर रहा था इलाज
कहने को तो हिलसा अनुमंडलीय अस्पताल में इलाज की बेहतर सुविधा मिलती होगी, लेकिन डॉक्टरों व कर्मियों की लापरवाही ने अस्पताल को अस्पताल नहीं बल्कि रेफर सेंटर बना दिया है. जब बुधवार की सुबह में चिकसौरा थाना क्षेत्र के मिर्जापुर गांव में गैस सिलिंडर से लगी आग में गंभीर रूप से झुलसे एक परिवार पांच लोगों को इलाज के लिए अस्पताल में लाया गया तो करीब आधा घंटा तक कोई डॉक्टर या नर्स कंपाउंडर तक घायलों के पास नहीं पहुंचे. घायल सभी लोग जलन से कराह रहे थे. उनकी चीत्कार से पूरा अस्पताल गूंज रहा था.
फिर भी उनका दर्द समझने वाला कोई नहीं था. काफी समय के बाद एक कंपाउंडर आये और पहले उनके परिजन को आने व अस्पताल से पुर्जा कटवाने की बात कहते हुए पुनः वापस चले गये. जब लोगों ने अस्पताल की कुव्यवस्था पर भड़ास निकलना शुरू किया तो आनन-फानन में कंपाउंडर, नर्स के साथ-साथ अस्पताल के गार्ड ने घायलों के जख्म पर मरहम लगाते हुए सभी को पटना रेफर कर दिया गया.
बताया जाता है कि अस्पताल में तैनात अधिकांश डॉक्टर का पटना से आना-जाना होता है. सुबह हटिया ट्रेन से आते हैं. उनके आने के पहले अस्पताल में मरीज का इलाज भगवान भरोसे होता है. अस्पताल की कुव्यवस्था पर लोगों में अंदर ही अंदर आक्रोश पनप रहा है, जो कभी भी अस्पताल कर्मी की लापरवाही व मनमानी पर भड़क सकता है.
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