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चेतावनी. असहयोग करनेवाले संस्थानों पर होगी कार्रवाई बैंक अधिकारियों व राष्ट्रीय लोक अदालत में निबटारे की बनी नीति बिहारशरीफ : जिला विधिक सेवा प्राधिकार सचिव पाठक आलोक कौशिक ने कार्यभार संभालने के बाद पहली बैठक न्यायालय परिसर स्थित विधिक सेवा सदन में की. बैठक में जिले में स्थित सभी बैंक अधिकारियों, श्रम विभाग, मापतौल विभाग, […]

चेतावनी. असहयोग करनेवाले संस्थानों पर होगी कार्रवाई

बैंक अधिकारियों व राष्ट्रीय लोक अदालत में निबटारे की बनी नीति
बिहारशरीफ : जिला विधिक सेवा प्राधिकार सचिव पाठक आलोक कौशिक ने कार्यभार संभालने के बाद पहली बैठक न्यायालय परिसर स्थित विधिक सेवा सदन में की. बैठक में जिले में स्थित सभी बैंक अधिकारियों, श्रम विभाग, मापतौल विभाग, बिजली विभाग तथा अन्य को 10 फरवरी को आयोजित हो रहे राष्ट्रीय लोक अदालत में सुलह के आधार पर पक्षकारों के मामलों के निपटारे की नीति तय करने के लिए आमंत्रित किया गया था. आयोजन में पीएनबी के आरके मेहरा, एसबीआई के करकट‍्टा समेत मध्य बिहार ग्रामीण, इलाहाबाद, यूको, इंडियन ओवरसीज, बड़ौदा बैंक के शाखा प्रबंधक समेत श्रम अधीक्षक, विद्युत कार्यपालक अभियंता, मापतौल विभाग निरीक्षक ने भाग लिया. कि अपना रूख लचीला और प्रक्रिया सरल रखें जिससे कि सुलह का निपटारा करना आसान हो.
बैठक में तत्कालीन सचिव रेशमा वर्मा ने भी आवश्यक सुझाव दिये. सचिव ने कहा कि सहयोग न करने वाले संस्थानों पर सख्ती की जा सकती है ताकि लोक अदालत अपने न्याय के उद्देश्यों की पूर्ति कर सके और अधिकाधिक लोग लाभान्वित हो सके. नोटिस वापस करने पर प्राधिकार को सौंपे जाएं ताकि पुन: यहां से भेजा जा सके. वन विभाग के किसी अधिकारी के बैठक में भाग न लेने पर प्राधिकार से सूचना निर्गत करने का निर्देश के साथ ही कहा कि खनन, उत्पाद आदि विभागों के भी ऐसे प्रतिनिधि को उपस्थित रहने का निदे्रश निर्गत किया जाय जिससे कि सुलह के आधार पर आनेवाले संबंधित मामलों का निपटारा तुरंत हो सके.
10 फरवरी को आयोजित होने वाले राष्ट्रीय लोक अदालत में निपटारे के लिए शीघ्र न्यायिक बेंच गठित किये जायेंगे. पक्षकारों से भी अपील की कि अधिकाधिक संख्या में नि:शुल्क सुलहनामें के आधार पर होनेवाले निपटारे में भाग लेकर लाभ उठाते अर्थ व समय की बचत करें. इसके तहत किये जाने वाले निपटारा स्थायी होता है और इस फैसले के विरूद्ध कहीं और अपील नहीं की जा सकती है.

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