बिहारशरीफ : फतुहा में बुधवार को नाव डूबने के बाद लापता हुए छह लोगों में घर लौटे नालंदा के दीपनगर थाने के सिपाह गांव के तीन लोग आंखों देखी मंजर को याद कर सिहर जा रहे हैं. बता दें कि सिपाह गांव की 45 वर्षीया सविता देवी व इनके आठ माह का नाती डोमा एवं पड़ोस की 25 वर्षीया शोभा देवी माघी पूर्णिमा के अवसर पर फतुहा में नाव से गंगा पार रेत पर जा रही थीं. उस समय सुबह के करीब साढ़े 11 बज रहे थे. तकरीबन 15 मिनट बाद खुली एक अन्य नाव भी इनके पीछे चल रही थी.
दुर्घटना का आंखों देखी हाल बता रही सविता ने बताया कि नाव पर तकरीबन तीन दर्जन भी अधिक लोग सवार थे. बीच नदी में पहुंचते ही यह नाव डूबने लगी तो चीत्कार मच गया. ऐसे में लोग जान बचाने के लिए भगवान को याद करते देखे गये. नाव पर बच्चे, बूढ़े और महिलाएं ज्यादा सवार थीं. इधर, रेत पर से लौटने के परिजनों का इंतजार कर रहे सविता के पति ओम चौधरी ने बताया कि जब उन्होंने एक नाव डूब जाने का हो-हल्ला सुना तो वह भी रोने- बिलखने लगे. मस्ताना घाट पर अफरातफरी का माहौल बन गया.
तुरंत राहत दल भी पहुंच गया. जब वहां मौजूद लोगों ने उनसे रोने का कारण पूछा तो उन्होंने परिवार के भी नाव दुर्घटना में शिकार होने की बात कही. इस वजह से उनकी पत्नी, नाती व एक पड़ोसी महिला का नाम लापता लोगों की सूची में अखबार में छप गया. उन्होंने भगवान का शुक्र मनाते हुए कहा कि अगर उनका परिवार भूलवश पंद्रह मिनट बाद दुर्घटनाग्रस्त दूसरी नाव पर सवार होता तो आज वह अपने परिवार के संग खुशियां नहीं मना रहे होते.