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आधुनिकता व विरासत का होगा संगम

आयोजन. तीन दिवसीय राजगीर महोत्सव 25 नवंबर से परंपरागत ग्राम श्री मेले व अन्य समारोह में जुड़ेंगे नये आयाम : डीएम दहेज प्रथा व बाल विवाह उन्मूलन पर होगा सैंड आर्ट बिहारशरीफ : राजगीर महोत्सव में विरासत एवं आधुनिकता की झलक देखने को मिलेगी. महोत्सव में बिहार की लोक कला एवं संस्कृति का भी समागम […]

आयोजन. तीन दिवसीय राजगीर महोत्सव 25 नवंबर से

परंपरागत ग्राम श्री मेले व अन्य समारोह में जुड़ेंगे नये आयाम : डीएम
दहेज प्रथा व बाल विवाह उन्मूलन पर होगा सैंड आर्ट
बिहारशरीफ : राजगीर महोत्सव में विरासत एवं आधुनिकता की झलक देखने को मिलेगी. महोत्सव में बिहार की लोक कला एवं संस्कृति का भी समागम देखने को मिलेगा. महोत्सव की तैयारी को लेकर मंगलवार को पहली बैठक हुई. हरदेव भवन में राजगीर महोत्सव 2017 की तैयारियों से संबंधित बैठक हुई. डीएम डॉ त्यागराजन एसएम ने बैठक में कहा कि पूर्व से चली आ रही परंपरागत ग्राम श्री मेला, कृषि मेला, दंगल, तांगा सज्जा, तांगा दौर एवं पालकी सज्जा के अलावा इस महोत्सव में कुछ नये आयाम भी जुड़ेंगे. कृषि विभाग अपने पूर्व की प्रदर्शनियों के अलावा विविधताओं से भरे फूलों की भी एक आकर्षक प्रदर्शनी लगायेगा.
महोत्सव का मुख्य आकर्षण पुस्तक मेला एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा. सांस्कृतिक कार्यक्रमों में देश के ख्याति प्राप्त कलाकारों के साथ जिलास्तर पर उभरते कलाकारों को भी अवसर मिलेगा. महिला महोत्सव सद्भावना यात्रा, व्यंजन मेला, मत्स्य प्रदर्शनी, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की प्रदर्शनी भी आकर्षण के केंद्र होंगे. दहेज प्रथा एवं बाल विवाह उन्मूलन पर आधारित प्रसिद्ध सैंड आर्ट भी देखने को मिलेगा.
दो दिसंबर तक रहेगा मेला
महोत्सव के मुख्य सांस्कृतिक कार्यक्रम व आयोजन 25 से 27 नवंबर तक होंगे, पर स्टाॅल दो दिसंबर तक रहेंगे. महोत्सव में राज्यस्तरीय कवि सम्मेलन का भी आयोजन होगा, जिसमें हिंदी व उर्दू के अलावा सभी क्षेत्रीय भाषाओं यथा मैथिली, मगही, बज्जिका, अंगिका, भोजपुरी आदि के प्रसिद्ध कवियों का समागम होगा.
पुस्तक मेला भी आकर्षण का केंद्र रहेगा, जिसमें देश के प्रमुख प्रकाशकों के अलावा बिहार हिंदी ग्रंथ अकादमी, बिहार मगही अकादमी, केपी जायसवाल शोध संस्थान, बिहार उर्दू अकादमी सहित अन्य प्रतिष्ठित प्रकाशकों की उपस्थिति रहेगी. मौके पर डीआरडीए निदेशक संतोष कुमार श्रीवास्तव, सीएस सुबोध प्रसाद सिंह, उपसमाहर्ता सुबोध कुमार सिंह, प्रमोद कुमार, रामबाबू, सुरेंद्र कुमार, रवींद्र राम, प्रभात कुमार, रविशंकर उरांव, डीआरडीए के सहायक अभियंता विनोद कुमार सिन्हा, आईटी मैनेजर आशीष कुमार, डीईओ विमल ठाकुर आदि उपस्थित थे.
रेडियो व टेलीविजन से होगा प्रचार-प्रसार
खेल प्रतियोगिताएं, नुक्कड़ नाटक, फिल्म फेस्टिवल एवं विभिन्न विभागों द्वारा शुरू की गयीं नवीन परियोजनाओं को भी प्रदर्शनी के माध्यम से दिखायी जायेंगी. राजगीर महोत्सव में देशी एवं विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार भी किये जायेंगे. राज्य के सभी जिलों में महोत्सव से संबंधित होर्डिंग एवं बैनर लगेंगे. साथ ही एक एफएम रेडियो तथा टेलीविजन के माध्यम से भी इस महोत्सव का प्रचार-प्रसार किया जायेगा.
महोत्सव में मधुबनी पेंटिंग के अलावा पहली बार पत्थर कट्टी की मूर्ति कला एवं जहानाबाद का गोल्डेन फाइबर आर्ट को भी प्रदर्शित किया जायेगा. नव नालंदा महाविहार एवं अंतरराष्ट्रीय नालंदा विश्वविद्यालय के भी स्टॉल होंगे. डीएम ने कहा कि नालंदा जिले के वैसे पुरातात्विक स्थल जो बहुत प्रसिद्ध नहीं हैं, उनसे संबंधित भी एक प्रदर्शनी लगायी जाये.

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