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जमीन खरीद-बिक्री करने वालों को लेना होगा लाइसेंस

बिहारशरीफ : नालंदा में भूमि माफियाओं की कमी नहीं है. जमीन के कारोबार में हजारों लोग जुड़ कर कमायी तो कर रहे हैं, लेकिन टैक्स कोई नहीं दे रहे हैं. इससे राजस्व की क्षति हो रही है. ऐसे लोग जमीन संबंधित अापराधिक घटनाओं के भी किसी न किसी रूप में हकदार भी होते हैं . […]

बिहारशरीफ : नालंदा में भूमि माफियाओं की कमी नहीं है. जमीन के कारोबार में हजारों लोग जुड़ कर कमायी तो कर रहे हैं, लेकिन टैक्स कोई नहीं दे रहे हैं. इससे राजस्व की क्षति हो रही है. ऐसे लोग जमीन संबंधित अापराधिक घटनाओं के भी किसी न किसी रूप में हकदार भी होते हैं .

अनाप-–शनाप कागज दिखाकर भी जमीन को बेच दिया जाता है. इसके कारण होता यह है कि मारपीट से लेकर मुकदमा होना आम बात है. यहां तक कि विवाद होने से जान गंवाने का भय भी बना रहता है. नालंदा में सैकड़ों लोग जमीन की खरीद-बिक्री का कारोबार करते हैं. लेकिन एक भी लाइसेंसी प्रॉपर्टी डीलर नहीं है. जिला निबंधन कार्यालय की मानें तो से ऐसे लोग अवैध रूप से धंधा करते हैं. इस पर शिकंजा कसने के लिए राज्य सरकार नये कानून को जल्द लागू करने जा रही है. इसके तहत ऐसे लोगों को चिह्नित करना सहज हो जायेगा. अवैध रूप से काम करने वालों पर कार्रवाई करना भी सहज हो जायेगी.
सरकारी रेट को छोड़ दें तो अभी भी जिले में जमीन की कीमत ब्रोकर लोग ही तय कर रहे हैं. इसके कारण कुछ लोग ठगे भी जा रहे हैं. अनाप-–शनाप कागज दिखाकर भी जमीन को बेचने का काम भी प्रोपर्टी डीलर करते हैं. नियम के अनुसार फ्लैट बनाकर बेचने वाले को भी नये कानून का पालन करना होगा.
नालंदा जिले की जो भौगौलिक बनावट है उसके अनुसार जमीन के कारोबार से ब्रोकर लोग मालामाल हो रहे हैं. लेकिन सरकार को इन लोगों से किसी तरह का टैक्स नहीं मिल रहा है.
बिना लाइसेंस लेकर काम करना अवैध :बिना लाइसेंस लेकर जमीन की खरीद-बिक्री करना अवैध है. ऐसे लोग कानूनी रूप से गलत हैं. ऐसे लोगेां पर कानूनी कार्रवाई किये जाने का भी प्रावधान है.
इसके लिये विभाग तैयारी कर रहा है.बिना लाइसेंस लेकर काम करने वाले सरकारी राजस्व को क्षति पहुंचा रहे हैं. लाइसेंस लेने के लिये पटना में आवेदन करना पड़ता है. जिला स्तर पर इसके लिये अभी आदेश नहीं आया है. इस तरह का अगर आदेश आता है तो कड़ाई से पालन कराया जायेगा. लोग जब कमाई कर रहे हैं तो नियम के अनुसार करें.
वित्तीय साल में 112 करोड़ रुपये का लक्ष्य : इस साल का वित्तीय लक्ष्य 112 करोड़ रुपये का है. जिसमें अब तक 45 करोड़ 12 लाख रुपये का राजस्व विभाग ने हासिल किया है. कुल लक्ष्य :का करीब 40 फीसदी लक्ष्य को प्राप्त होने के कारण अफसर का कहना है कि लक्ष्य को प्राप्त करने की पूरी कोशिश है. नियमों को अक्षरश: पालन किया जा रहा है.जिला निबंधन कार्यालय को पिछले वित्तीय साल में 89 करोड़ 93 लाख रुपये की राजस्व की प्राप्ति हुई थी.
क्या कहते हैं अधिकारी
जिले में एक भी लाइसेंसी प्रॉपटी डीलर नहीं है. बिना लाइसेंस लेकर जमीन की खरीद-बिक्री करना गैर कानूनी है. ऐसे लोगों पर शिकंजा कसने की तैयारी विभागीय स्तर से की जा रही है. विभाग का आदेश आने के बाद ऐसे लोगों को कानूनी दायरे के तहत कार्रवाई की जायेगी.
मनीष कुमार, अवर निबंधन पदाधिकारी, नालंदा
फोर लेन में देरी से बढ़ी परेशानी
Prabhat Khabar Digital Desk
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