: मिठनपुरा पुलिस के सहयोग से रामबाग चौधरी कंपाउंड पहुंची : करोड़ों की हेराफेरी में 2008 में दर्ज किया गया था मामला : आरोपी डीएन चौधरी का कोरोना काल में ही हो गयी मौत : निगरानी की टीम पड़ोसियों से पूछताछ के बाद वापस लौटी संवाददाता, मुजफ्फरपुर मिठनपुरा थाना क्षेत्र के रामबाग में करोड़ों रुपये के हेराफेरी के 2008 के मामले के आरोपी रिटायर्ड सीनियर प्रशासनिक अधिकारी की गिरफ्तारी वारंट लेकर बुधवार को पटना से निगरानी की टीम पहुंची. आरोपी डीएन चौधरी के घर पर जब विजिलेंस के अधिकारी गए तो वहां सब- सुनसान मिला. आसपास के लोगों से पूछताछ करने पर पता चला कि डीएन चौधरी समेत उनके परिवार के चार लोगों की कोरोना काल में ही सड़क हादसे में मौत हो चुकी है. उनके घर में लंबे समय से ताला लगा हुआ है. पड़ोसियों का बयान दर्ज करने के बाद विजिलेंस टीम वापस लौट गयी. मिठनपुरा पुलिस को दी जानकारी में विजिलेंस के अधिकारियों का कहना है कि 2008 में डीएन चौधरी बिहार सरकार में बड़े प्रशासनिक पद पर थे. एक विभाग में पोस्टिंग के दौरान करोड़ों रुपये की हेराफेरी की गयी थी. उस समय विजिलेंस ने इनके ठिकाने पर रेड मारी थी तो दो से तीन करोड़ रुपये मिला था. इस मामले में ही उनके खिलाफ वारंट जारी हुआ था. लेकिन, जब निगरानी टीम डीएन चौधरी के मालीघाट चौधरी कंपाउंड स्थित आवास पर पहुंची तो पता चला कि उनकी मौत हो चुकी है.
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