मुजफ्फरपुर.
डीसीएलआर पूर्वी के कोर्ट में दाखिल खारिज और भूमि विवाद के 5756 वाद लंबित होने पर डीएम सुब्रत कुमार सेन ने डीसीएलआर से स्पष्टीकरण मांगा है. डीएम ने साफ तौर पर कहा है कि यह वरीय पदाधिकारी के आदेश की अवहेलना है. अगर कार्य में सुधार नहीं हुआ तो प्रपत्र क गठित कर विभाग को भेजा जाएगा. डीएम ने समीक्षा में पाया कि कुल 6507 दायर वादों में से मात्र 751 वाद का ही निष्पादन किया गया. जबकि सितंबर से लेकर अब तक यानी पांच माह में सिर्फ 138 वादों का निपटारा डीसीएलआर पूर्वी कर सके.डीएम ने फरवरी में समीक्षा की थी. इस दौरान लंबित वादों की संख्या अधिक पाए जाने पर चिंता जताई और उसमें सुधार करने का निर्देश दिया था. इससे पूर्व मुख्य सचिव ने भी समीक्षा कर कोर्ट में लंबित मामलों का तेजी से निष्पादन करने को कहा था, लेकिन डीसीएलआर पूर्वी ने इसपर संज्ञान नहीं लिया. उन्होंने निर्देशों का अनुपालन नहीं किया. इस दौरान डीएम ने दोबारा समीक्षा की तो पाया कि निष्पादन का कार्य जस का तस है. फरवरी में मात्र दाखिल खारिज के 30 और भूमि विवाद के दो मामलों का निष्पादन किया गया.मुख्य सचिव और डीएम के निर्देश के बाद भी डीसीएलआर पूर्वी ने कार्यों का निष्पादन करने में रुचि नहीं ली. इसे लापरवाही और वरीय अधिकारियों के आदेश की अवहेलना का मामला बताते हुए डीएम ने उक्त कार्रवाई की है.
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