Bihar News: मुजफ्फरपुर में उत्तर बिहार का प्रमुख ऐतिहासिक केंद्र रामचंद्र शाही संग्रहालय जल्द ही नए स्वरूप में नजर आएगा. संग्रहालय के भवन की मरम्मत कर इसे आधुनिक बनाया जाएगा. दोनों तल पर खुदाई में मिली दुर्लभ मूर्तियों को प्रदर्शित किया जाएगा, जिससे यह और भी आकर्षक बनेगा.
दुर्लभ मूर्तियों और ऐतिहासिक धरोहरों का संग्रह
संग्रहालय में विभिन्न शताब्दियों की दुर्लभ मूर्तियां संरक्षित की गई हैं. इनमें 16वीं शताब्दी की सरस्वती, 9वीं शताब्दी के अष्टदिकपाल, 8वीं शताब्दी की पार्वती, 10वीं शताब्दी की तारा और सूर्य प्रतिमा, 12वीं शताब्दी की मनसा देवी, 6वीं शताब्दी के ऋषभनाथ समेत कई ऐतिहासिक प्रतिमाएं शामिल हैं. इसके अलावा, कैथी लिपि में लिखी भीमद्भागवत की प्रति भी यहां संरक्षित है.
प्रवेश शुल्क की नई व्यवस्था
अब तक संग्रहालय में निशुल्क प्रवेश था, लेकिन मार्च से बड़ों के लिए ₹10 और बच्चों के लिए ₹5 का टिकट अनिवार्य होगा. इसके लिए अलग से टिकट काउंटर बनाया गया है.
प्राचीन सिक्कों और पांडुलिपियों का संग्रह
संग्रहालय में तीसरी शताब्दी की मुहर, प्राचीन सिक्के, जैन मूर्तियां, टेराकोटा आर्ट स्ट्रक्चर, पाल कालीन बुद्ध प्रतिमा, नाग-नागिन की प्रतिमा, उमा-महेश्वर और डाक टिकटों का दुर्लभ संग्रह मौजूद है. यहां विदेशी मुद्राएं, ऐतिहासिक सिक्के, पांडुलिपियां और मेडल भी संरक्षित हैं, जो इतिहास प्रेमियों और शोधकर्ताओं के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र हैं.
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संग्रहालय को बनाया जाएगा मॉडर्न
नगर निगम और प्रशासन की ओर से संग्रहालय के जीर्णोद्धार और आधुनिकीकरण की योजना पर काम किया जा रहा है. आने वाले दिनों में इसे और विकसित कर पर्यटकों के लिए सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी.