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24 लाख के दवा घोटाले में सदर अस्पताल के कर्मी को नाेटिस

24 लाख के दवा घोटाले में सदर अस्पताल के कर्मी को नाेटिस

– डीआइजी के निर्देश पर फिर से खुली फाइल

मुजफ्फरपुर. स

दर अस्पताल में 24 लाख रुपये के दवा खरीद घोटाले की फाइल नहीं देने पर नगर थाने की पुलिस ने अस्पताल के एकाउंटेंट व स्टॉक रूम मैनेजर को नोटिस किया है. फाइल के लिए केस के आइओ दारोगा रविकांत कई बार सदर अस्पताल गये. एकाउंटेंट से मिलकर फाइल व दवा खरीद से जुड़े अन्य कागजात की मांग की. लेकिन, आइओ को कुछ भी जानकारी उपलब्ध नहीं करायी गयी. जिसके बाद अब विधिवत नोटिस देकर फाइल की मांग की जा रही है. अब कागजात नहीं मिलने पर साक्ष्य खत्म करने की धारा के तहत आगे की कार्रवाई होगी. डीआइजी के आदेश पर आठ साल बाद दवा घोटाले की नये सिरे से जांच शुरू हुई है. दवा घोटाले में तत्कालीन सिविल सर्जन डॉ. ललिता कुमारी, जिला स्वास्थ्य समिति के तत्कालीन लेखा प्रबंधक मो. हैदर और पटना की दवा सप्लाई एजेंसी के प्रोप्राइटर एसके भगत नामजद आरोपित हैं. कोर्ट के आदेश पर वर्ष 2017 के फरवरी माह में नगर थाने में एफआइआर दर्ज की गयी थी.अधिवक्ता पंकज कुमार ने कोर्ट में परिवाद दायर कराया था.

अधिवक्ता ने आरोप लगाया था कि पटना की एक दवा कंपनी से जिला स्वास्थ्य समिति ने 24 लाख रुपये की दवाइयां खरीदने का ऑर्डर निर्गत किया था. दवा खरीद के लिए अग्रिम भुगतान भी किया गया, लेकिन ऑर्डर के अनुसार दवा नहीं आयी. इस तरह सरकारी राशि का गबन किया गया.सीजेएम कोर्ट के आदेश से नगर थाने में एफआइआर की गयी थी. 2017 से अब तक यह केस लंबित था. डीआइजी के निरीक्षण के दौरान इसकी समीक्षा की गयी. तत्कालीन नगर डीएसपी मुकुल रंजन ने 10 बिंदुओं पर जांच के निर्देश सुपरविजन रिपोर्ट में तत्कालीन आइओ को दिया था.

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