Nepal Protest: मुजफ्फरपुर. नेपाल में जारी हिंसा का असर अब उत्तर बिहार के मरीजों पर भी पड़ने लगा है. लहान स्थित सागरमाथा चौधरी आई हॉस्पिटल में इलाज कराने जाने वाले मरीजों की संख्या अचानक घट गई है. पिछले चार दिनों से दर्जनों लोगों ने अपनी यात्रा स्थगित कर दी है. नेपाल में हिंसा से मुजफ्फरपुर का सूतापट्टी कपड़ा मंडी के व्यवसाय पर काफी असर पड़ा है़. यहां से सबसे अधिक कारोबार नेपाल में ही होता है. नेपाल में दुर्गा पूजा मुख्य पर्व है. इस मौके पर सबसे अधिक कपड़ों की बिक्री होती है, लेकिन नेपाल में हिंसा से व्यापार ठप हो गया है़. मंडी का करीब 60 फीसदी बाजार प्रभावित है़.
आंख के ईलाज के लिए नेपाल जाते हैं हजारों लोग
मिठनपुरा के नारायण प्रसाद, जिनका इलाज इस अस्पताल में चल रहा है, ने बताया कि यहां देशभर से मरीज आंखों का इलाज कराने आते हैं. खासकर मोतियाबिंद के ऑपरेशन के लिए यह अस्पताल प्रसिद्ध है. कम खर्च में ऑपरेशन और विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता के कारण उत्तर बिहार से बड़ी संख्या में मरीज यहां पहुंचते थे. लहान के एक चिकित्सक के मुताबिक, यह अस्पताल भारतीय सीमा से सटे इलाके में है और आंखों से जुड़ी बीमारियों के लिए बड़ी संख्या में रोगी यहां आते हैं, लेकिन नेपाल में हालिया उपद्रव और असुरक्षा की वजह से मरीजों ने फिलहाल जाना बंद कर दिया है.
होलसेल कपड़ा मंडी का 60 फीसदी बाजार प्रभावित
मुजफ्फरपुर का सूतापट्टी कपड़ा मंडी से नेपाल के बाजार में रोज करोड़ों का टर्नओवर होता है. व्यापार ठप होने से व्यवसायियों की परेशानी बढ़ी हुई है़. चिंता यह भी है कि नेपाल के बाजार में यहां के व्यवसायियों का करोड़ों फंसा हुआ है. वहां के कई व्यापारियों से फोन पर बात भी नहीं हो रही है. इससे यहां के कपड़ा व्यापारी डरे हुए हैं. व्यापारियों का कहना है कि नेपाल यहां के कपड़ा व्यवसाय की रीढ़ है. दशहरा से पहले वहां एक सौ करोड़ से अधिक का कपड़ा जाता था, लेकिन फिलहाल व्यापार ठप पड़ा हुआ है. हमलोगों ने वहां कें कारोबार के लिए मिल से कपड़ों की खेप मंगायी थी, जो अभी तक ट्रांसपोर्ट में है. कपड़ा मिल प्रतिनिधि सज्जन शर्मा ने कहा कि नेपाल में व्यापार ठप होने के कारण होलसेल कारोबारियों ने कपड़ों की आपूर्ति बहुत कम कर दी है़. इसके कारण हमलोगों के पास भी ऑर्डर काफी कम हो गये है. इसका असर पूरे बाजार पर पड़ रहा है
क्या बोले कारोबारी
नेपाल में चल हरे विद्रोह का बुरा असर कपड़ा सहित कई ट्रेडों पर पड़ा है. अभी त्योहार का समय है. यहां से कपड़ों का अच्छा कारोबार होता था, लेकिन मौजूदा हालात में यहां की कपड़ा मंडी का कारोबार काफी प्रभावित है. विद्रोह जल्दी नहीं थमा तो यहां के कारोबार पर काफी असर पड़ेगा.
- श्याम सुंदर भीमसेरिया, अध्यक्ष, नॉर्थ बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स

