-पीजी नामांकन में सामने आ रहीं कई तरह की गड़बड़ियाॅं
मुजफ्फरपुर.
बीआरएबीयू में पीजी नामांकन में कई तरह के मामले सामने आ रहे हैं. बगैर जांच-पड़ताल और मेरिट लिस्ट से मिलान किये ही कई नामांकन हो गये. पकड़ीदयाल की एक छात्रा का नाम एलएस काॅलेज में मनोविज्ञान विषय में आवंटित किया गया था,लेकिन उसका नामांकन पीजी मनोविज्ञान विभाग में हो गया. नामांकन के नौवें दिन पीजी मनोविज्ञान विभाग के कर्मचारियों की ओर से फोन कर छात्रा के नामांकन को अवैध बताते हुए नामांकन रद्द करने की चेतावनी दी गयी. इसके बाद छात्रा पीजी मनोविज्ञान पहुंची.विभाग से बताया गया कि उसका नामांकन वैध नहीं होगा. शनिवार दोपहर वह डीएसडब्ल्यू कार्यालय पहुंची. यहां छात्रा ने डीएसडब्ल्यू डाॅ आलोक प्रताप सिंह को सारा मामला बताया. इसके बाद उन्होंने पीजी मनोविज्ञान विभाग में फोन कर इसकी जानकारी ली. छात्रा ने बताया कि उसने एसआरएपी काॅलेज बाराचकिया से मनोविज्ञान से स्नातक की पढ़ाई की है. पीजी में नामांकन के लिए 13 फरवरी को वह मुख्यालय पहुंची. भौगोलिक जानकारी नहीं होने से वह एलएस काॅलेज के बदले विश्वविद्यालय मनोविज्ञान पहुंच गयी. वहां उसका नामांकन हो गया.
तीन दिन में अंगीभूत व संबद्ध कॉलेजों से मांगे गये डॉक्यूमेंट
मुजफ्फरपुर.
बीआरएबीयू के अंगीभूत व संबद्ध काॅलेजाें से ऑडिट के लिए तीन दिन में डाॅक्यूमेंट मांगा गया था, लेकिन एक महीना बीत जाने के बाद भी अधिकतर काॅलेजाें ने इसे नहीं दिया है. कुलसचिव प्राे संजय कुमार ने इसे खेदजनक बताते हुए शीघ्र ऑडिट के लिए संबंधित डाॅक्यूमेंट्स उपलब्ध कराने काे कहा है. सभी अंगीभूत काॅलेज, अनुदानित काॅलेज, गैर अनुदानित काॅलेज व बीएड काॅलेजाें के प्राचार्य व सचिव काे विवि की ओर से 23 जनवरी काे ही पत्र भेजा गया था. जनवरी में विवि का ऑडिट करने के लिए पटना से टीम आयी थी. अंगीभूत काॅलेजाें काे अविलंब डाॅक्यूमेंट उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है. वहीं, गैर अनुदानित काॅलेजाें काे पांच दिनाें में संबंधित डाॅक्यूमेंट अपडेट करके उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है