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पौने चार साल में भी नहीं बना स्मार्ट सिटी का एमआइटी स्पाइनल रोड, गड्ढों में तब्दील हुई सड़क

पौने चार साल में भी नहीं बना स्मार्ट सिटी का एमआइटी स्पाइनल रोड, गड्ढों में तब्दील हुई सड़क

– 25 मार्च 2021 को शुरू हुआ था काम, 12 महीने में पूरा करने की निर्धारित थी समय अवधि- 4.38 किलोमीटर है कुल सड़क की लंबाई, 45 करोड़ रुपये से अधिक की है लागत राशि

मुजफ्फरपुर.

मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी के तहत चल रहे कई प्रोजेक्ट का काम पूरा हुए बिना ही रुक गया है. आधा-अधूरा निर्माण के कारण सरकार की अरबों रुपये खर्च होने के बाद भी लोगों को फायदा नहीं मिल रहा है. इससे अब मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी कंपनी की कार्यशैली पर सवाल उठना शुरू हो गया है. मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन धर्मशाला चौक से इमलीचट्टी, ब्रह्मपुरा, लक्ष्मी चौक होते हुए बैरिया गोलंबर तक एमआईटी स्पाइनल रोड के तहत निर्माण की मंजूरी मिली थी. स्मार्ट सिटी कंपनी की तरफ से 25 मार्च 2021 को इसका वर्क ऑर्डर चयनित एजेंसी को निर्गत हुआ था. वर्क ऑर्डर निर्गत होने की तिथि से एक साल के अंदर प्रोजेक्ट को पूरा करना था. तब प्रोजेक्ट की लागत राशि 42.05 करोड़ रुपये थी. वर्तमान में बढ़कर यह राशि 45 करोड़ रुपये से अधिक हो चुकी है. लेकिन, इस प्रोजेक्ट की सच्चाई यही है कि पौने चार साल बाद भी पूरा नहीं हो पाया है. जूरन छपरा महेश बाबू चौक से ब्रह्मपुरा चौक तक सड़क जर्जर स्थिति में है. बड़ा-बड़ा गड्ढा है. सीवरेज की पाइपलाइन बिछाने में मैनहोल के निर्माण के बाद वैसे ही ऊंच-नीच सड़क को छोड़ दिया गया है. पानी का पाइपलाइन भी क्षतिग्रस्त हो चुका है. हिचकोले खाते राहगीर स्मार्ट सिटी से गुजरते हैं. लेकिन, इसके निर्माण की कोई सुगबुगाहट नहीं दिख रही है. प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग कर रहे स्मार्ट सिटी कंपनी के प्रोजेक्ट इंचार्ज को भी कब तक प्रोजेक्ट पूरा होगा या नहीं. इसकी कोई खबर नहीं है. ऐसे में अब स्मार्ट सिटी के जो शेष कार्य बचे हैं. वह पूरा होगा या नहीं. इसपर संशय कायम हो गया है.

कई प्रोजेक्ट पूर्ण फिर भी भुगतान नहीं, नयी एजेंसी तैयार नहीं

स्मार्ट सिटी के तहत शहर के चार पार्कों के निर्माण व सौंदर्यीकरण का कार्य हुआ. काम पूरा होने के बाद मेंटेनेंस अवधि भी एक तरह से खत्म हो गया है. लेकिन, निर्माण एजेंसी की शेष राशि का भुगतान अब तक नहीं हो सकी है. इसके अलावा जंक्शन इंप्रूवमेंट से संबंधित प्रोजेक्ट का भी वर्क पूरा होने के बाद भुगतान बची हुई है. यही नहीं, सिकंदरपुर स्टेडियम निर्माण में जुटी एजेंसी को स्मार्ट सिटी कंपनी ने डिबार कर दिया. नये सिरे से एजेंसी चयन के लिए टेंडर आमंत्रित किया गया. लेकिन, स्मार्ट सिटी कंपनी की कार्यशैली व व्यवस्था गड़बड़ होने के कारण कोई भी निर्माण एजेंसी टेंडर में भाग नहीं ले रही है. इससे मल्टीपर्पज स्पोट्स स्टेडियम का निर्माण भी फंस गया है.

बोलीं मेयर,मैं हर मीटिंग में प्रधान सचिव से खुद मुजफ्फरपुर का दौरा कर स्मार्ट सिटी के कार्यों की गहन समीक्षा करने की मांग करती रही हूं. तब आश्वासन तो मिल जाता है. बाद में कोई कार्रवाई नहीं होती. इससे पदाधिकारी व एजेंसी का मनोबल बढ़ता चला गया. स्मार्ट सिटी के लगभग प्रोजेक्ट की स्थिति खराब है. अब समीक्षा नहीं कार्रवाई की आवश्यकता है.

निर्मला साहू, महापौर

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में काम से ज्यादा राशि की लूट खसोट हुई है. केंद्र सरकार को चाहिए कि कमेटी बहाल कर उच्चस्तरीय जांच कराये. संविदा पर प्रोजेक्ट इंजार्च से लेकर सीजीएम और कंपनी सेक्रेटरी व सीईओ की बहाली हुई. सभी ने मिल कर एक-एक प्रोजेक्ट को बर्बाद कर दिया. सात साल बाद भी लोग स्मार्ट सिटी के काम को खोज रहे हैं. यह इस शहर के लिए दुर्भाग्यपूर्ण बात है.

सुरेश कुमार, पूर्व महापौरB

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