तीन साल के बाद मासिक व वार्षिक जीएसटी रिटर्न दाखिल नहीं होगा उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर अब सालाना चार करोड़ से कम का कारोबार करने वाले सभी व्यवसायियो को सामान की बिक्री को रिटर्न में एचएसएन कोड लिखना होगा. पोर्टल पर डाटा अपलोड करते समय कोई मामूली चूक हो जाए तो वह माफ नहीं होगा. इसके बदले सिस्टम जेनेरेटेड नोटिस जारी कर दिया जायेगा, जिससे करदाता दबाव में आ जायेंगे. इस परेशानी को लेकर टैक्सेशन बार एसोसिएशन ने मांग कि है कि रिटर्न दाखिल करने की तिथि को आगे बढ़ाया जाये, अन्यथा सप्लायर का जीएसटी आर वन रिटर्न समय पर दाखिल नहीं होने से क्रेता व्यवसायी को इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं मिल सकेगा. टैक्सेशन बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप कुमार वर्मा ने कहा कि जीएसटी कौंसिल ने एक बदलाव और किया है. जुलाई से जीएसटी करदाता मूल फाइलिंग की तय तिथि के तीन साल बाद मासिक व वार्षिक जीएसटी रिटर्न दाखिल नहीं कर सकेंगे. यह संशोधन वित अधिनियम 2023 के माध्यम से लागू किया गया है. जीएसटी एन के अनुसार नया नियम जीएसटी आर वन, जीएसटी आर थ्री बी, जीएसटी आर फोर, जीएसटी आर फाइव, जीएसटी आर फाइव ए, जीएसटी आर सिक्स, जीएसटी आर सेवेन, जीएसटी आर एट एवं जीएसटी आर नाइन पर लागू होगा. मासिक जीएसटी आर थ्री बी जुलाई से संपादित नहीं हो सकेगा.
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