जिला स्कूल में चल रही रामकथा में श्रद्धालुओं ने किया कथा का रसपान उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर जिला स्कूल मुजफ्फरपुर के प्रांगण में हरियाणा सेवा संघ की ओर से चल रहे रामकथा के नौवें दिन सोमवार को संत प्रेम भूषण महाराज ने कहा कि धरती पर मनुष्य से ज्यादा चतुर कोई भी जीव नहीं है, लेकिन भगवान के दरबार में कभी भी चतुराई नहीं चलती है. भगवान के दरबार में चतुराई करने वाला व्यक्ति कभी भी सुखी नहीं रह पाता है. भगवान की कथा से हमें यही शिक्षा मिलती है. उन्होंने भगवान के वन प्रदेश की मंगल यात्रा और चित्रकूट में भैया भरत से जुड़े प्रसंगों और नवधा भक्ति का गायन करते हुए कहा कि भगवान की कृपा प्राप्त करनी है तो हमें स्वयं अपने आहार, व्यवहार और विचार में परिवर्तन लाने की जरूरत है. जीवन में कभी भी सज्जनता का त्याग नहीं करना चाहिए, क्योंकि भगवान भी सज्जनों की पीड़ा का हरण करने के लिए ही आते हैं. उन्होंने कहा कि सुख चाहते हैं तो बनावटी जीवन से बचने का प्रयास करें. जो व्यक्ति जीवन में बनावटीपन का आश्रय लेता है, उसका जीवन दुखों में घिरता चला जाता है. वह चाह कर भी उन दुखों से बाहर नहीं निकल पाता है. उन्होंने कहा कि सत्कर्म के लिये जीवन में समय निकल नहीं पाता है, इसे निकालना पड़ता है और खास कर राम कथा तो मनुष्य के लिए एक ऐसा दुर्लभ साधन है, जो भगवान की आतिशय कृपा और अपने पूर्व जन्म के पुण्य के आधार पर ही प्राप्त हो पाती है. पूर्व जन्म के पुण्य से अगर हम कथा मंडप में पहुंच भी जाते हैं तो कथा हमारे कान में नहीं जा पाती है, कान में जाने पर भी समझ नहीं आती है. इसके लिये प्रभु की ही कृपा जरूरी होती है. उन्होंने कहा कि अगर अपने जीवन में पछतावे से बचना है तो मन में जैसे ही कोई शुभ संकल्प आता है, सत्कर्म का संकल्प आता है तो उसे तुरंत पूरा करने के उद्यम में लग जाना चाहिये. संकल्प यदि दृढ़ हो तो भगवान स्वयं उसे पूरा कराने में मदद करते हैं, लेकिन अगर संकल्प में भी कोई चतुराई रखता है तो ऐसे व्यक्ति को बाद में भुगतना भी पड़ता है. कथा के मौके पर मुख्य यजमान गोविंद प्रसाद भिवानिवाला, प्रेमचंद गुप्ता, अमित रंजन, अशोक अग्रवाल, घनश्याम अग्रवाल, मीडिया प्रभारी राजीव केजरीवाल ने व्यास पीठ का पूजन किया और भगवान की आरती उतारी.
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