Bihar News: मुजफ्फरपुर में बागमती नदी के विस्तार और तटबंध बनाने का काम चल रहा है. इसका उद्देश्य बाढ़ से लोगों को सुरक्षित रखना है. इस योजना के लिए गायघाट प्रखंड के कांटी पिरौछा इलाके में लगभग 26.368 एकड़ जमीन ली जाएगी. करीब 140 परिवारों की जमीन अधिग्रहित की जाएगी. समाहर्ता ने इस जमीन को अधिग्रहित करने की मंजूरी दे दी है और आधिकारिक नोटिस भी जारी कर दिया है. इससे कुछ परिवारों को अपने घर‑बार से हटना पड़ सकता है. ऐसे परिवारों की मदद के लिए उन्हें पुनर्वास योजना का लाभ दिया जाएगा. इसके संचालन के लिए अपर समाहर्ता को विशेष प्रशासनिक अधिकारी नियुक्त किया गया है ताकि प्रक्रिया ठीक से पूरी की जा सके.
जमीन खरीद‑बिक्री पर लगी रोक
साथ ही, अधिग्रहण की जाने वाली जमीन की खरीद‑बिक्री पर रोक लगा दी गई है. अधिसूचना जारी होने के बाद यदि कोई व्यक्ति इस जमीन को खरीदता या बेचता है, तो उस पर कानूनी कार्रवाई होगी. नोटिस में जमीन की किस्म, मालिक का नाम और कुल रकबा भी साफ‑साफ बताया गया है.
परिवारों को दिया जाएगा मुआवजा
अब सभी प्रभावित परिवारों से उनकी जमीन के दस्तावेज़ लिए जाएंगे और उनका जांच‑परख किया जाएगा. इसके बाद एक शिविर का आयोजन करके मुआवजा देने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी. इसके लिए अलग से तारीख तय की जाएगी. इसके पहले परिवारों के लिए यह जरूरी है कि वे अपनी अपडेटेड लगान रसीद और एलपीसी जमा करें. ऐसा करने से मुआवजा देने में कोई परेशानी नहीं आएगी.
ग्रिड सबस्टेशन के लिए जमीन हुई तय
गायघाट प्रखंड के जारंग में 132 KV ग्रिड सबस्टेशन बनाने के लिए जमीन तय हो गई है. पिछले दो साल से भूमि का चयन और निरीक्षण चल रहा था. पहले यह योजना मैठी में प्रस्तावित थी, लेकिन वहां तीन एकड़ जमीन उपलब्ध नहीं हो सकी. इसके बाद निजी जमीन की तलाश की गई और जारंग में तीन एकड़ निजी जमीन चिन्हित की गई है. रैयत ने इसके लिए अनुमति दे दी है और जमीन की किस्म भी तय हो गई है. अब इसी आधार पर मुआवजा भुगतान की प्रक्रिया पूरी की जाएगी.
लगेंगे 20 से अधिक बड़े ट्रांसफार्मर
अभी जिस ग्रिड से बिजली दी जाती है, उस पर का लोड भी कम हो जाएगा. नए सबस्टेशन में 20 से अधिक बड़े ट्रांसफार्मर लगाए जाएंगे. इसके संचालन और रखरखाव के लिए विद्युत विभाग के अभियंता और तकनीकी टीम के अधिकारी लगातार वहां निरीक्षण और देखरेख करेंगे. गायघाट में 132 केवी ग्रिड उपकेंद्र बनने के बाद बेनीबाद, कटरा, बोचहां, हथौड़ी और आसपास के कई गांवों की बिजली आपूर्ति बेहतर हो जाएगी. इससे 10 लाख से ज्यादा लोगों को लगातार और निर्बाध बिजली मिल सकेगी. अगर कहीं बिजली में कोई खराबी आती है तो उसे तुरंत ठीक किया जा सकेगा.

