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राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र में किसान-वैज्ञानिक संवाद

राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र में किसान-वैज्ञानिक संवाद

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मुशहरी़ राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र, मुशहरी में बुधवार को किसान वैज्ञानिक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, समस्तीपुर और वैशाली जिले से 160 किसानों ने भाग लिया. केंद्र निदेशक डॉ विकास दास ने लीची उत्पादन में किसानों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि लीची में किसी भी प्रकार का छिड़काव तुड़ाई से 15 दिन पूर्व तक ही करना चाहिए, ताकि गुणवत्तापूर्ण फल प्राप्त हो सके. किसानों ने इस दौरान अपने व्यावहारिक अनुभवों और चुनौतियों को वैज्ञानिकों के साथ साझा किया. वर्तमान समय में लीची के बागों में मंजर आना शुरू हो गया है, जिसको ध्यान में रखते हुए विशेषज्ञों ने किसानों को आवश्यक जानकारी दी. केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक डॉ विनोद कुमार ने लीची में स्टिंग बग की समस्या और उसके प्रबंधन पर चर्चा की. लीची उत्पादन में शेड नेट और ऑर्गेनिक कार्बन के महत्व को भी रेखांकित किया. किसानों को लीची उत्पादन की नवीनतम तकनीकों की जानकारी दी गयी, जिससे वे अपने बागों की उत्पादकता बढ़ाने और उच्च गुणवत्ता वाली फसल प्राप्त करने में सक्षम होंगे. मौके पर केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिकों में डॉ अभय कुमार, डॉ प्रभात कुमार, इ़ अंकित कुमार, वरिष्ठ तकनीकी सहायक उपज्ञा साह, प्रोजेक्ट असिस्टेंट श्याम पंडित उपस्थित थे.

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