वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर जिले में एइएस से पीड़ित होकर स्वस्थ हुए बच्चे दिव्यांग नहीं हो, इसके लिये पहल की जा रही है. एइएस चमकी बुखार से प्रभावित बच्चों में दिव्यांगता की जांच की जायेगी. इस संबंध में अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम अधिकारी मलेरिया विभाग ने निर्देश जारी किया है. कहा गया है कि एइएस प्रभावित मरीजों की सूची तैयार करते हुए उनमें दिव्यांगता की जांच की जाये. सीएस ने बताया कि चमकी बुखार से प्रभावित बच्चों में आंशिक या स्थायी दिव्यांगता का खतरा होता है. इसके लिए एइएस पीड़ित मरीजों का सर्वे किया जायेगा. बच्चों में एइएस के प्रभाव से हाथ या पैर के हिस्से में लकवा या अन्य दिव्यांगता जैसे मानसिक या आंखों की रोशनी जाना आदि जैसे परिणाम दिखते हैं तो उनका तत्काल इलाज किया जाना है. बताया कि एइएस से पीडि़त हुए बच्चों में दिव्यांगता की पहचान करने के संबंध में उन सभी जीवित बच्चों की सूची जिला के प्राथमिक तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को भेजी गयी है.
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