रामदयालु सिंह महाविद्यालय में दो दिवसीय सांस्कृतिक उत्सव ”विरासत” का आगाज वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर रामदयालु सिंह महाविद्यालय की सांस्कृतिक इकाई ”विरासत” द्वारा दो दिवसीय सांस्कृतिक उत्सव का उद्घाटन मंगलवार को करते हुए बीआर अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ दिनेश चंद्र राय ने कहा कि बच्चों में सांस्कृतिक विकास बहुत जरूरी है क्योंकि इससे उनकी पहचान, समझ और दुनिया के प्रति दृष्टिकोण विकसित होता है. कॉलेजों को अपनी संस्कृति से संबंधित गतिविधियों में भाग लेने के लिए छात्रों को प्रोत्साहित करना चाहिए. सांस्कृतिक गतिविधियों में नृत्य, संगीत, नाटक आदि बच्चों के समग्र विकास में योगदान देती है. रामदयालु सिंह महाविद्यालय की सांस्कृतिक इकाई विरासत एक अनूठा प्रयास कर रहा है. मुख्य अतिथि राम कुमार सिंह, अखिल भारतीय सह-संयोजक सीमा जागरण मंच ने कहा कि छात्रों के जीवन में सभ्यता और संस्कृति का विकास एक महत्वपूर्ण पहलू है. यह छात्रों में सामाजिक गुणों को विकसित करने, मूल्यों, विचारधाराओं और रीति रिवाज को स्थापित करने में मदद करता है. रामदयालु सिंह कॉलेज का इस दिशा में प्रयास काफी सराहनीय है. सांस्कृतिक कार्यक्रम छात्रों को रचनात्मक और प्रतिभा का प्रदर्शन करने का एक मंच प्रदान करते हैं. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य डॉ अनिता सिंह ने कुलपति समेत आगत अतिथियों का अंग वस्त्र एवं पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया. उन्होंने कॉलेज की प्रगति के रोड मैप पर चर्चा करते हुए कहा कि कॉलेज विकास की और प्रतिबद्ध है. कॉलेज में अकादमिक गतिविधि के साथ-साथ सांस्कृतिक गतिविधि पर जोर दिया जा रहा है. सांस्कृतिक इकाई विरासत के संयोजक डॉ नीरज कुमार मिश्रा ने सांस्कृतिक कार्यक्रम की रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विरासत की टीम छात्रों के समग्र विकास के लिए सतत प्रयासरत है. सांस्कृतिक कार्यक्रम में राग जौनपुरी, तबला वादन, राग अहीर भैरव, कृष्ण की चेतावनी, काव्य पाठ, भोजपुरी गीत, छठ गीत, एवं समूह नृत्य की प्रस्तुति की गई. मंच संचालन डॉ सारिका चौरसिया, सांस्कृतिक कार्यक्रम का विषय प्रवेश डॉ नीरज कुमार मिश्रा ने कराया. मौके पर छात्र कल्याण पदाधिकारी डॉ आलोक प्रताप सिंह, सिंडिकेट सदस्य डॉ रमेश प्रसाद गुप्ता, सीनेट सदस्य डॉ संजय कुमार सुमन, डॉ नीलिमा झा, डॉ रजनीश कुमार गुप्ता, डॉ आर एन ओझा, डॉ रामकुमार, डॉ एम एन रजवी, डॉ रजनीकांत पांडे, डॉ आनंद प्रकाश दुबे, डॉ अनुराधा पाठक समेत शिक्षक, कर्मचारी एवं छात्र-छात्राएं मौजूद थे.
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