Bihar Train: वैशाली एक्सप्रेस से अब सुपरफास्ट का दर्जा हट जाएगा, जिसका फायदा यात्रियों को होगा. दरअसल, जैसे-जैसे वैशाली एक्सप्रेस का विस्तार हो रहा है, वैसे-वैसे उसके कार्यशैली में भी बदलाव आता चला गया है. पहले यह ट्रेन मुजफ्फरपुर से नई दिल्ली के लिए चलती थी. इसके बाद इसका बरौनी तक विस्तार किया गया. उसके बाद फिर सहरसा और फिर अब वहां से भी इसका विस्तार कर ललितग्राम कर दिया गया है.
आईएसओ मानक भी समाप्त
वहां से अब यह ट्रेन नई दिल्ली के लिए चल रही है. विस्तार होने की वजह से इसकी इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन फॉर स्टैंडडराइजेशन (आईएसओ) मानक भी चली गई. अब इसका सुपरफास्ट का दर्जा भी समाप्त हो जाएगा.
ऐसे मिलता है सुपरफास्ट का दर्जा
मिली जानकारी के अनुसार 50 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से अधिक चलने वाली ट्रेन को ही सुपरफास्ट का दर्जा मिलता है. यह ट्रेन अन्य ट्रेनों की तुलना में अधिक स्पीड चलने के कारण मेल, एक्सप्रेस से इसका किराया ज्यादा होता है, लेकिन मुजफ्फरपुर, बरौनी और सहरसा से जब तक चली तब तक इसका स्पीड 50 किलोमीटर से अधिक रहा.
धीमी हुई रफ्तार
जबकि, ललीतग्राम हॉल्ट से चलने के कारण इसका स्पीड 50 किलोमीटर प्रतिघंटे से कम हो गया. जिसके बाद इसका सुपरफास्ट का दर्जा खत्म होगा. अब सुपरफास्ट का दर्जा चले जाने से इसका सीधा फायदा यात्रियों को होगा. यह ट्रेन जिस समय पर चल रही थी, अभी भी उसी समय पर चलेगी.
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अब एक्सप्रेस का लगेगा किराया
दिल्ली पहुंचने में पहले जितना ही समय लगेगा लेकिन किराया सुपरफास्ट के बदले एक्सप्रेस का लगने से यात्रियों को फायदा होगा. कहा जाता है कि वैशाली एक्सप्रेस ट्रेन रेलवे बोर्ड की गाड़ी हुआ करती थी. इसके परिचालन की मॉनिटरिंग रेलवे बोर्ड से होती थी.
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