प्रभात कुमार / Bihar News: मुजफ्फरपुर जिले में अगलगी की घटनाओं में चिंताजनक वृद्धि हुई. पिछले तीन महीनों में आग ने जिले में 316 परिवारों के आशियाने को राख में तब्दील कर दिया है. इस भीषण अग्नि त्रासदी में चार मासूम बच्चों समेत छह लोगों की दर्दनाक मौत हो गयी. अगलगी की सूचना मिलते ही दमकल की गाड़ियां तत्परता से घटनास्थल पर पहुंची और आग पर काबू पाने के हर संभव प्रयास किए गए. हालांकि, आग की प्रचंडता और तेजी के कारण पीड़ितों को भारी नुकसान उठाना पड़ा. स्थानीय लोगों ने भी बचाव कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, लेकिन कई घरों में रखी जीवन भर की जमा पूंजी और अनमोल यादें पल भर में स्वाहा हो गयी.
44 लाख 16 हजार रुपये मुआवजा
आपदा विभाग ने इस त्रासदी पर संज्ञान लेते हुए मुआवजा और अनुदान के तौर पर कुल 44 लाख 16 हजार रुपये की राशि आवंटित की है. इस राशि में मृतकों के परिजनों को 24 लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की गई है, जबकि अग्नि पीड़ितों को तत्काल राहत के रूप में 11 लाख 76 हजार रुपये नकद दिए गए हैं. इसके अतिरिक्त, आग से हुए संपत्ति के नुकसान के आकलन के आधार पर 8 लाख 40 हजार रुपये की राशि वितरित की गयी है.
एक ही परिवार के चार मासूम की गई जान
हृदयविदारक घटनाओं में रामपुरमनी गांव में हुई अगलगी सबसे दुखद रही, जहां एक ही परिवार के चार मासूम बच्चे काल के गाल में समा गए. तीन बच्चों के शव एक ही जले हुए घर से बरामद हुए, जिसने पूरे गांव को स्तब्ध कर दिया. दमकल की दो गाड़ियों ने मौके पर पहुंचकर आग बुझाई, लेकिन तब तक सब कुछ जल चुका था.
आग बुझाने की यह व्यवस्था
अग्निशमन विभाग के पास बढ़ती आबादी के अनुसार मैन पावर व संसाधन नहीं है. वर्तमान में 119 फायरमैन, 28 चालक और 5 अग्निशमन विभाग के अधिकारी कार्यरत हैं. विभाग के पास 10 बड़ी दमकल गाड़ियां और 17 छोटी फायर मिक्स टेक्नोलॉजी गाड़ियां उपलब्ध हैं, जो आग की घटनाओं पर काबू पाने का प्रयास करती है.
जागरुकता जरुरी
गर्मी के मौसम में आग से बचाव की तैयारियों और जागरुकता की आवश्यकता पर जोर देते हैं. जिला प्रशासन और आम जनता दोनों को मिलकर ऐसे हादसों को रोकने और पीड़ितों को तत्काल सहायता पहुंचाने के लिए फायर बिग्रेड की दस्ता बढ़ाने की जरूरत है.
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