वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
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गर्मी की शुरुआत के साथ ही बिजली की समस्या गहराने लगी है. जैसे-जैसे तापमान बढ़ रहा है, वैसे-वैसे मेंटेनेंस के नाम पर रोजाना दस से बीस हजार की आबादी की बिजली काटी जा रही है. हालात यह हैं कि मेंटेनेंस के लिए पहले दो से चार घंटे बिजली बंद करने की घोषणा की जाती है, लेकिन अक्सर यह अवधि बढ़ जाती है. दो घंटे का मेंटेनेंस तीन घंटे बाद और तीन घंटे का घोषित बंद चार घंटे बाद खत्म होता है. दिन और रात दोनों समय बिजली की कटौती आम हो गई है. ट्रांसफॉर्मर का फ्यूज उड़ने या अन्य फॉल्ट के कारण भी बिजली बार-बार कट रही है. छोटे-मोटे फॉल्ट के कारण 15 से 30 मिनट तक बिजली गुल रहना सामान्य बात हो गई है. चैत के महीने में हल्की हवा तेज चलने पर भी बिजली की ट्रिपिंग शुरू हो जाती है. आजकल तो प्रतिदिन दो-तीन फीडर नहीं, बल्कि पूरे पावर सब-स्टेशन की बिजली मेंटेनेंस के लिए बंद की जा रही है. एक पावर सब-स्टेशन से 11 केवीए के तीन से चार फीडर निकलते हैं, और एक फीडर में औसतन चार हजार के आसपास उपभोक्ताओं के कनेक्शन होते हैं.
शुक्रवार को भी बाजार समिति 33 केवीए फीडर की बिजली दोपहर दो बजे तक बंद करने की पूर्व में घोषणा की गई थी, लेकिन बिजली करीब एक घंटे देरी से, यानी तीन बजे के आसपास चालू हुई. दोपहर के समय गर्मी का तापमान अधिक रहता है, और अब लोगों के घरों में एसी चलने लगे हैं. ऐसे में इस फीडर से जुड़े इलाकों में दोपहर के समय बिजली और पानी का संकट बना रहा.
शुक्रवार को भी बाजार समिति 33 केवीए फीडर की बिजली दोपहर दो बजे तक बंद करने की पूर्व में घोषणा की गई थी, लेकिन बिजली करीब एक घंटे देरी से, यानी तीन बजे के आसपास चालू हुई. दोपहर के समय गर्मी का तापमान अधिक रहता है, और अब लोगों के घरों में एसी चलने लगे हैं. ऐसे में इस फीडर से जुड़े इलाकों में दोपहर के समय बिजली और पानी का संकट बना रहा.
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