मुजफ्फरपुर : छह माह पहले जिले में राज्य सरकार की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों में एनीमिया से पीड़ित महिलाओं को चिह्नित व उपचार के बाद रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया था. बावजूद स्वास्थ्य विभाग की ओर से रिपोर्ट नहीं भेजी गयी है. इसके अलावा कोई महिला यदि बच्चे को जन्म नहीं देना चाहती हैं, तो उनको कॉपर टी लगवाने व ऑपरेशन के लिए प्रेरित करना था.
योजना को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान से जोड़ दिया गया है. हर माह 180 से दो सौ गर्भवती एनीमिया की शिकार मिल रही हैं. लेकिन सामान्य महिलाओं के इलाज पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. उधर, सीएस ने कहा कि पीएचसी प्रभारियों को निर्देश दिया गया है. प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान में अच्छा काम हो रहा है. इसके बाद भी टीकाकरण स्थल पर इलाज व काउंसेलिंग की व्यवस्था होगी.