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माॅनसून मेहरबान, बारिश की उम्मीद

किसानों की जगी आस. तराई क्षेत्रों में भी मध्यम बारिश की जतायी गयी संभावना मौसम विभाग पूसा से अगले तीन सितंबर तक के लिए जारी बुलेटिन के अनुसार माॅनसून की सक्रियता में वृद्धि होगी. हालांकि, तराई क्षेत्र वाले जिले में भी मध्यम बारिश का अनुमान जताया गया है. मुजफ्फरपुर : उत्तर बिहार में एक बार […]

किसानों की जगी आस. तराई क्षेत्रों में भी मध्यम बारिश की जतायी गयी संभावना

मौसम विभाग पूसा से अगले तीन सितंबर तक के लिए जारी बुलेटिन के अनुसार माॅनसून की सक्रियता में वृद्धि होगी. हालांकि, तराई क्षेत्र वाले जिले में भी मध्यम बारिश का अनुमान जताया गया है.
मुजफ्फरपुर : उत्तर बिहार में एक बार फिर मॉनसून सक्रिय हो गया है. इससे मैदानी
भागों वाले जिले में हल्की से मध्यम बारिश की उम्मीद जगी है. मौसम विभाग पूसा से अगले तीन सितंबर तक के लिए जारी बुलेटिन के अनुसार माॅनसून की सक्रियता में वृद्धि होगी. हालांकि, तराई क्षेत्र वाले जिले में भी मध्यम बारिश का अनुमान जताया गया है. इस दौरान गरमी व उमस बनी रहेगी. इस अवधि में अधिकतम तापमान 31 से 33 डिग्री सेल्सियस रह सकती है, जबकि न्यूनतम तापमान 23 से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है.
औसतन चार से आठ किलोमीटर प्रति घंटा की गति से पुरवा हवा चलने की भी संभावना जतायी गयी है. सापेक्ष आद्रता सुबह में करीब 85 से 95 प्रतिशत व दोपहर में 60 से 65 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान है. इधर बारिश की संभावना की सूचना से किसानों के चेहरे िखल गये है.
सावन – भादो में गिर रहा जलस्तर
मॉनसून के दगा देने के कारण इस साल सावन व भादो में भी जलस्तर नीचे जा रहा है. पीएचइडी विभाग की रिपोर्ट के अनुसार जिले के अधिकांश प्रखंड में बीते एक महीने के अंदर एक से तीन फुट तक जलस्तर नीचे चला गया है. खास कर पश्चिमी इलाके में जलस्तर 20 फीट के नीचे चला गया है. मोतीपुर में तो कई पंचायतों में 16 – 17 फीट तक चला आया है. कांटी में भी कमोबेश यही स्थिति है.
साल वर्षापात (मिमी )
2009 238
2010 193.8
2011 248.8
2012 225
2013 110.1
2014 359
2015 211.1
2016 59.6
आठ साल में जिले में सबसे कम बारिश
पिछले आठ साल में अगस्त महीने के वर्षापात के रिकार्ड के अनुसार इस साल सबसे कम बारिश हुई है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मौसम विभाग के सामान्य वर्षापात 292.7 मिमी है, जबकि अगस्त में अब तक सिर्फ 59 मिमी बारिश दर्ज की गयी है. जिला सांख्यिकी कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार 2009 से 2016 के बीच सबसे अधिक बारिश 2014 में (359 मिमी ) हुई. जो अगस्त महीने के सामान्य वषार्पात से 64 मिमी अधिक है. विगत आठ साल के कुल बारिश की रिकार्ड को देखें तो 2009 में 723.6 मिमी, 2010 में 697.8, 2011 में 1245 मिमी, 919 मिमी,2013 में 965.3 मिमी, 2014 में 1029 मिमी , 2015 में 426. 4 मिमी, 2016 में अब तक 430.4 मिमी बारिश हुई है.

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