सीबीआइ की ओर से विशेष पीपी ब्रजेश कुमार यादव ने लिखित जवाब देते हुए कहा कि अगर न्यायालय आदेश देती है, तो ब्रेन मैंिपग व नार्को टेस्ट के पहले संदिग्धों की मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल में जांच कराने को तैयार हूं. 10 जुलाई से 20 जुलाई के बीच गांधीनगर (गुजरात) के फारेंसिक साइंस में जांच होनी है. टेस्ट से पहले मेडिकल जांच होती है. इसके बाद ही टेस्ट लिया जाता है. इस मौके पर मामले के अनुंसधानक रौनक कुमार उपस्स्थित थे. वहीं, रमेश कुमार उर्फ बबलू की ओर से वरीय अधिवक्ता रामानंद प्रसाद सिंह व दिलीप कुमार न्यायालय में उपस्थित होकर आवेदन दिया. कहा कि नार्को एवं ब्रेन मैपिंग के टेस्ट के लिए अगर न्यायालय की ओर से भेजा जायेगा, तो आवेदक ब्रेन मैपिंग व नार्काे टेस्ट कराने की सहमति देता है. यदि कोर्ट की ओर नहीं भेजा जाता है, तो पूर्व में दिये आवेदन को वापस लेने की अनुमति चाहता है.
उस समय भी सीबीआइ उक्त लोगों के जांच आदेश लेने में समर्थ नहीं हो पायी थी. अब सीबीआइ की ओर से कोर्ट में छह बिंदु का आवेदन सौपा गया है, जिसमें अन्य बातों के साथ स्थानीय चिकित्सालय में जांच की बात भी लिखी गयी है. 18 सितंबर 2012 की रात नवरूणा को उसके घर से अगवा कर लिया गया था, जिसके बाद उसके घर से सामने नाली से शव मिला था, जिसे नवरुणा का बताया गया था. इस मामले की जांच पुलिस के बाद सीआइडी व अब सीबीआइ कर रही है, लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला है.