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हल्दी में चावल की खुद्दी, धनिया में लकड़ी का बुरादा

मुजफ्फरपुर: अगर आप बाजार से खुला मसाला खरीद कर खाते हैं, तो आपके लिए बुरी खबर है. हो सकता है, जो मसाला आप खा रहे हैं, वो मिलावटी हो, क्योंकि मसालों में मिलावट का खेल शहर में बड़े पैमाने पर चल रहा है. अभी तक मिलावट के बारे में बड़े शहरों से खबरें आती थीं, […]

मुजफ्फरपुर: अगर आप बाजार से खुला मसाला खरीद कर खाते हैं, तो आपके लिए बुरी खबर है. हो सकता है, जो मसाला आप खा रहे हैं, वो मिलावटी हो, क्योंकि मसालों में मिलावट का खेल शहर में बड़े पैमाने पर चल रहा है. अभी तक मिलावट के बारे में बड़े शहरों से खबरें आती थीं, लेकिन इस बार हम-आपके बीच से मिलावट की बात सामने आयी है. अभी तक इसको लेकर चर्चा होती थी, लेकिन जिस तरह की तस्वीरें सामने आयी हैं. वो हैरान करनेवाली हैं.
कैसे मसालों के नाम पर हमें कुछ भी खिला दिया जा रहा है. इस गोरखधंधे में बड़े-बड़े नाम शामिल हैं. शहर के बीचोबीच गोला मंडी में ये धंधा चल रहा है, लेकिन खाद्य जांच विभाग को कानो-कान इसकी खबर नहीं है. बाजार के विश्वासनीय सूत्रों पर विश्वास करें, तो ये काम शहर में चार से पांच जगह पर किया जाता है. इससे जुड़े अधिकारी कर्मचारियों की कमी का रोना रो रहे हैं. पूछने पर कहते हैं कि जल्द ही छापेमारी की जायेगी.
हर घर में होता है प्रयोग
मसाले का प्रयोग हर घर में होता है. लोग इस विश्वास से मसाला खाते हैं कि ये शुद्ध होगा और इसमें मिलावट नहीं होगी, लेकिन इसमें हमारे साथ छल होता है. चाहे कई तरह की बीमारियों की दवा मानी जानेवाली हल्दी की बात हो या फिर धनिया पाउडर की बात या फिर मिर्च की बात. सबमें मिलावट होती है.
50 फीसदी तक मिलावट
बाजार के जानकारों का कहना है कि मसालों में 50 फीसदी तक मिलावट की जाती है. जिन स्थितियों में ये मिलावट होती है, वह भी भयावह है. वहां किसी तरह की शुद्धता का ख्याल नहीं किया जाता. जो मजदूर ये काम करते हैं, वो चप्पल पहन कर मसालों के आसपास व उसके बीच में चलते रहते हैं. उसी को बाद में बाजार में भेज दिया जाता है.
गुंटूर से आती है फटकन
आंध्र प्रदेश के गुंटूर में एशिया की सबसे बड़ी मिर्च की मंडी लगती है. वहां से ट्रकों में भर कर बाजार की फटकन आती है, जिसको मिला कर मिर्च पाउडर तैयार किया जाता है. ट्रकों से फटकन आने के बाद भी खाद्य विभाग के अफसरों को इसकी खबर नहीं हो पाती है.
10-15 फीसदी जलन
मसालों को बारीक पीसा जाता है. ऐसे में पीसने के दौरान 10-15 फीसदी तक मसाला कम हो जाता है. अगर कोई खड़ा मसाला 100 किलो होता है, तो उसमें पिसा मसाला 85 से 90 किलो के बीच निकलता है.
खड़ा मसाला महंगा, पिसा सस्ता
चौकानेवाली बात यह है कि बाजार में जो खुला मसाला बिकता है. उसमें खड़ा मसाला महंगा व पिसा मसाला सस्ता बिकता है. अगर मसाला शुद्ध हो, तो ये कैसे हो सकता है? ये बड़ा सवाल है, क्योंकि खड़ा मसाला पीस कर ही पिसा मसाला बनता है. ऐसे में बिना मुनाफे के कोई दुकानदार कैसे आपको घाटे में मसाला दे सकता है. ये बाजार के गणित से भी उल्टा है. ऐसे में शक होना स्वाभाविक है. इसी शक के आधार पर प्रभात खबर ने इसकी पड़ताल शुरू की और सच्चाई सामने आयी है.
खड़ा मसाला पिसा मसाला
हल्दी 120-130 100 रुपये किलो
धनिया 90-120 80
मिर्च 130-160 100
चना दाल 75 बेसन 60 रुपये
हल्दी पाउडर. बाजार में खुला हल्दी पाउडर हम लेने जाते हैं, तो दुकानदार हमें असली बता कर उसकी गारंटी तक लेने को तैयार हो जाते हैं. कहते हैं, हमने खुद पिसवाया है, लेकिन इसकी हकीकत कुछ और होती है. इसमें मक्का व चावल की खुद्दी मिलायी जाती है. पीला करने के लिए इसमें खतरनाक रंग का प्रयोग किया जाता है. फिर इसको मिला कर बाजार में भेज दिया जाता है.
धनिया पाउडर. धनिया पाउडर में चूड़ा व गेहूं की भूसी मिलायी जाती है. इसके अलावा कुन्नी (लकड़ी का बुरादा) मिलाया जाता है. कुन्नी की गंध को छुपाने के लिये तेजपत्ता को पीस कर मिला दिया जाता है. इससे इसकी गंध बदल जाती है.
मिर्च पाउडर. मिर्च का पाउडर बनाने में भी मिलावट की जाती है. इसमें ईंट का चूरा मिलने की बात तो पहले से सामने आती रही है, लेकिन इसमें मिर्च मंडी की बची डस्ट को भी बड़े पैमाने पर मिलाया जाता है. इसे मिर्च की फटकी कहा जाता है.
बेसन. चने के बेसन को व्यंजनों का राजा माना जाता है. इसका नाम छप्पन प्रकार है, क्योंकि इससे तरह-तरह की चीजें बनायी जा सकती हैं, लेकिन मिलावटखोरों ने इसको भी नहीं छोड़ा है. बेसन बनाने में बड़े पैमाने पर मिलावट की जाती है. इसमें पीली मकई, खराब गेहूं व हल्दी की मिलावट की जाती है. साथ ही खेसारी मिला कर भी बेसन तैयार कर दिया जाता है.
विभाग में पदाधिकारी व कर्मी की कमी के कारण लगातार काम नहीं हो पा रहा है. हालांकि, खाद्य पदार्थ की जांच सहित पान-गुटखा पर रोक लगाने के लिए छापेमारी शुरू की जायेगी.
राजेश कुमार, फूड सेफ्टी ऑफिसर
मिलावटी मसाला कई बीमारियों की जड़ है. पेट संबंधी बीमारी में इसकी अहम भूमिका है. गैस, पेप्टिक अल्सर व लीवर के लिये खतरनाक है. अशुद्ध मसाला व अन्य अमानक खाद्य सामग्री के सेवन से कैंसर व डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारी भी हो सकती है. वहीं शुद्ध मसाला स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है. गरम मसाला व हल्दी तो कई बीमारियों के उपचार में कारगर है. हृदय रोग से बचाव के लिए हल्दी से दवा तैयार किया जा रहा है.
डॉ बीबी ठाकुर, वरिष्ठ चिकित्सक

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