स्थानीय लोगों ने उक्त चोर क्यूम अंसारी की चिकित्सकीय जांच कराकर नई उत्पाद अधिनियम की धारा में भी आरोपित करने की मांग की थी. लेकिन थानाध्यक्ष कंचन भास्कर ने उसकी जांच कराने में करीब 13 घंटे का समय लगा दिया. स्थानीय लोगों को कहना है कि देर से जांच कराने से उसका ब्रेथ टेस्ट सही नहीं हो सका. पुलिस पर उक्त चोर को मदद पहुंचाने के लिए जांच में देरी करने का आरोप लाेगों द्वारा लगाया जा रहा है.
स्थानीय लोगों ने पुलिस की इस कार्यशैली की शिकायत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर आइजी पारसनाथ व एसएसपी विवेक कुमार से की ठान ली है. इसके बाद भी कंचन भास्कर पर कार्रवाई नहीं होने पर उग्र आंदोलन की भी चेतावनी दी है. छपड़ा मेघ के लोग थानाध्यक्ष कंचन भास्कर के विरुद्ध आंदोलन चलाने की रणनीति पर विचार करने के लिए रविवार को बैठक करने का निर्णय लिया है. बैठक में सामाजिक व राजनैतिक दल के कार्यकर्ताओं को भी आमंत्रित किया गया है. रविवार की बैठक में ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व आइजी से लेकर एसएसपी तक शिकायत करने के लिए अलग-अलग टीम का गठन किया जायेगा. सोमवार से थानाध्यक्ष के विरुद्ध अभियान चलाने का निर्णय लिया गया है. हालांकि मुख्यमंत्री कार्यालय को फैक्स कर उन्हें पूरे मामले की जानकारी दे दी गयी है.