मुजफ्फरपुर : प्रखंड व पंचायत स्तर पर लंबित उर्दू शिक्षकों की बहाली में नियोजन इकाइयां अड़ंगा डाल रही हैं. सरकार के निर्देश पर नियोजन प्रक्रिया पूरी करने को लेकर चल रहे प्रयास इसी के चलते पूरे नहीं हो पा रहे हैं. अब सरकार ने 8 फरवरी तक कैंप लगाकर काउंसिलिंग व नियोजन पत्र वितरण का रोस्टर तय किया है, लेकिन नियोजन इकाइयों की लापरवाही के चलते विभाग की परेशानी बढ़ती जा रही है.
जिले में 206 पंचायतों में उर्दू शिक्षकों की बहाली करनी है. पंचायत स्तर से ही प्रक्रिया पूरी की जानी है, लेकिन नियोजन इकाइयों की मनमानी से दिक्कत आ रही है. बार-बार निर्देश के बाद भी अभी तक केवल 62 नियोजन इकाइयों ने मेधा सूची का अनुमोदन कराया है. अन्य पंचायत इकाइयों को भी जल्द निर्धारित रिक्त पदों की तुलना में मेधा सूची तैयार कर विभाग से अनुमोदन कराने का कई बार निर्देश दिया गया लेकिन कोई सुगबुगाहट नहीं है. इसी तरह जिले में दो प्रखंड नियोजन इकाइयों ने भी मेधा सूची का अनुमोदन नहीं कराया है.
नियोजन इकाइयों पर होगी कार्रवाई : सरकार से प्रखंड व पंचायत शिक्षकों के नियोजन के लिए रोस्टर निर्धारित होने के बाद प्रशासन व विभाग के तेवर काफी तल्ख है. कई बार मीटिंग में डीएम नियोजन को लेकर निर्देश जारी कर चुके हैं. इस बीच डीएम के निर्देश पर डीडीसी ने सभी प्रखंड व पंचायत नियोजन इकाइयों को मेधा सूची का अनुमोदन करा लेने को कहा है. साथ ही चेतावनी दी है कि जो नियोजन इकाई मेधा सूची नहीं देगी, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
रोस्टर के अनुसार ही उर्दू शिक्षकों की बहाली कर लेनी है. अभी तक 62 पंचायतों ने मेधा सूची का अनुमोदन करा लिया है. वहीं दो प्रखंडों की सूची आनी बाकी है, जिन्हें सूची का अनुमोदन करा लेने को कहा गया है. नियोजन प्रक्रिया समय से पूरी करने को लेकर तैयारी हो चुकी है. जो नियोजन इकाई इसमें लापरवाही करेगी, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
नीता कुमारी पांडेय, डीपीओ स्थापना