मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि में सत्र 2013-14 से स्नातक के सीटों में कटौती के निर्णय का विरोध शुरू हो गया है. कई कॉलेजों के प्राचार्य ने छात्र कल्याण डीन के समक्ष निर्णय पर अपना विरोध जताया है. इनका तर्क है कि विवि प्रशासन ने सीट कटौती का निर्णय तो लिया, पर अब तक नये सीटों की संख्या कॉलेजों को नहीं भेजी गयी है. जबकि विवि की ओर स्नातक में नामांकन के लिए निर्धारित आखिरी तारीख गुरुवार को खत्म हो रही है. इस बीच कई कॉलेजों में निर्धारित सीटों से अधिक संख्या में छात्र-छात्राओं का नामांकन लिया जा चुका है. जिससे भविष्य में इनके पंजीयन में पेच फंस सकता है.
दरअसल बीते दिनों विवि नामांकन समिति ने छात्र-छात्राओं की रुचि के आधार पर विभिन्न विषयों में सीटों के निर्धारण का निर्णय लिया था. इसके तहत सत्र 2012-13 में स्नातक की परीक्षा में शामिल छात्र-छात्राओं की संख्या में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर सीटों की संख्या निर्धारित करने का निर्णय लिया. इस निर्णय से अधिकांश कॉलेजों में अलग-अलग विषयों में सीटों की संख्या पूर्व की संख्या से काफी घटा दी गयी. इससे अधिकांश कॉलेजों में कुछ विषयों में सीटों की संख्या 60 से 80 प्रतिशत तक घट गयी. यही नहीं कॉलेजों को हिदायत भी दी गयी कि निर्धारित संख्या से अधिक सीटों पर नामांकन होने की स्थिति में अतिरिक्त छात्रों के पंजीयन पर रोक लगा दी जायेगी.
स्नातक की सीटों में कटौती का न सिर्फ प्राचार्यो, बल्कि छात्रों ने भी विरोध शुरू कर दिया है. मंगलवार को रामेश्वर सिंह कॉलेज में एनएसयूआई के नेतृत्व में दर्जनों छात्रों ने वाणिज्य की सीटों की संख्या 450 से घटाकर 336 कर दिये जाने का विरोध किया. उन लोगों ने प्राचार्य डॉ विजयेंद्र कुमार सिंह का घेराव करते हुए दो दिनों के अंदर सीट कटौती के निर्णय को वापस लेने अथवा कॉलेज में ताला जड़ दिये जाने की चेतावनी भी दी. इसके बाद डॉ सिंह ने छात्र कल्याण के डीन को पत्र लिख कर इन्वायरमेंट की 128 सीटों को कॉर्पोरेट मैनेजमेंट में स्थानांतरित किये जाने की मांग की, जिसे मान लिया गया.